इस्लामाबाद: पड़ोसी देश पाकिस्तान में इन दिनों सियासी भूचाल मचा हुआ है. पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को उनकी सहयोगी पार्टी ने बड़ा झटका दिया है. इमरान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के मुख्य गठबंधन सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान ने इमरान को सत्ता से बेदखल करने वाली विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के साथ हाथ मिला लिया है. जिसकी वजह से इमरान सरकार ने पाकिस्तानी संसद के निचले सदन में बहुमत खो दिया है.
पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने यह जानकारी ट्वीट करके दी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा “संयुक्त विपक्ष और एमक्यूएम के बीच समझौता ज्ञापन हो गया है. राबता समिति एमक्यूएम और पीपीपी सीईसी समझौते की पुष्टि करेंगे. हम कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के साथ इस पर चर्चा करेंगे. पाकिस्तान को बधाई.”
177 सदस्यों के साथ विपक्ष के पास अब नेशनल असेंबली में बड़ी संख्या में समर्थक हैं. दूसरी ओर, पाकिस्तान की संसद में केवल 164 सदस्य बचे हैं. दरअसल, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं, जिनमें से 172 बहुमत के लिए जरूरी हैं. पीटीआई के नेतृत्व वाले गठबंधन को 179 सदस्यों का समर्थन प्राप्त था. लेकिन अब एमक्यूएम-पी पार्टी का छूटने के बाद पीटीआई के पास सिर्फ 164 सदस्य रह गए हैं. वहीं विपक्ष के साथ नेशनल असेंबली में अब समर्थकों की संख्या बढ़कर 177 हो गई है.
उधर पाक पीएम इमरान खान ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग विदेशी फंड की मदद से उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं. अपनी एक रैली के दौरान पीएम इमरान ने कहा, ‘पाकिस्तान में सरकार बदलने के लिए विदेशी पैसे का इस्तेमाल किया जा रहा है. हमारे लोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है. ज्यादातर अनजाने में लेकिन कुछ लोग हमारे खिलाफ पैसे का इस्तेमाल कर रहे हैं. हम पर दबाव बना रहे हैं. हमें लिखित में धमकी दी गई है. लेकिन हम राष्ट्रहित से समझौता नहीं करेंगे.”
जियो टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ 3 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव आने की उम्मीद है.
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