भारत और पाकिस्तान की प्रतिद्वंद्वता किसी से छुपी नहीं है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान अक्सर भारत के प्रस्तावों का विरोध करता रहा है लेकिन पाकिस्तान ने कहा है कि वह तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी से निपटने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से प्रस्तावित दक्षेस सदस्यों के वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल होगा. मालूम हो कि कोरोना वायरस के चलते दुनिया भर में करीब 5,000 लोगों की मौत हो चुकी है.
पीएम मोदी के प्रस्ताव का दक्षेस के अन्य सदस्य देश श्रीलंका, मालदीव, नेपाल और भूटान पहले ही स्वागत कर चुके हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने आठ सदस्यों के क्षेत्रीय समूह से शुक्रवार को संपर्क किया और दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के नेताओं की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कराने की राय दी ताकि कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए मजबूत रणनीति तैयार की जा सके.
पाकिस्तान ने मोदी के प्रस्ताव पर सराकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि वह कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए तैयार है. उसने माना कि घातक कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न खतरे को कम करने के लिए समन्वित प्रयासों की जरूरत है. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आयशा सिद्दीकी ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, ‘हमने बता दिया है कि स्वास्थ्य पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विशेष सहायक जफर मिर्जा मुद्दे पर दक्षेस सदस्य देशों की वीडियो कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए उपलब्ध रहेंगे.’
एक के बाद एक कई ट्वीट में मोदी ने कहा, ‘हमारी धरती कोविड-19 नोवल कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है. विभिन्न स्तरों पर, सरकारें और लोग इससे निपटने की भरसक कोशिश कर रहे हैं. दक्षिण एशिया जहां विश्व की बड़ी आबादी रहती है, अपने लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.’ उन्होंने अन्य ट्वीट किया, ‘मैं प्रस्ताव देना चाहता हूं कि दक्षेस देशों का नेतृत्व कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मजबूत रणनीति बनाए. हम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हमारे नागरिकों को स्वस्थ रखने के तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं.