दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है और पाकिस्तान है कि आपनी घटिया सोच से बाज नहीं आ रहा है. खबर है कि पाकिस्तान ने पिछले 18 महीनों में अपनी निगरानी सूची से 4,000 आतंकवादियों के नामों को हटा दिया है. इनमें सबसे ज्यादा हैरान करने वाला नाम 2008 मुंबई अटैक के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी जकीउर रहमान लखवी का है. इस बात का खुलासा एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) स्टार्टअप ने किया है.
न्यूयॉर्क स्थित स्टार्टअप ‘कैस्टेलम’ ने पाया है कि पिछले डेढ़ साल में बिना स्पष्टीकरण या अधिसूचना के पाकिस्तान ने 3,800 आतंकवादियों के नामों को अपनी निगरानी सूची से हटा दिया है. कैस्टेलम की रिपोर्ट में बताया गया है कि इमरान खान सरकार ने नौ मार्च के बाद से अपनी आतंकवादी निगरानी सूची (वॉचलिस्ट) से बिना किसी सार्वजनिक स्पष्टीकरण के लगभग 1,800 नामों को हटा दिया है.
मालूम हो कि मुंबई के आतंकी हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल थे. लखवी को ऑस्ट्रेलिया, ईयू, फ्रांस, इंटरपोल, रूस, स्विट्जरलैंड, अमेरिका और यूएन द्वारा या तो वांछित घोषित किया गया है या फिर प्रतिबंध लगाए गए हैं. पाकिस्तान की तरफ से हजारों लोगों को प्रतिबंधित सूची से हटाने की वजह जून में एफएटीएफ की होने जा रही बैठक है जिसने पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाल रखा है.
पाकिस्तान भारत और दुनिया के अन्य कई हिस्सों में अपने आतंकवादियों को हमले के लिए भेजता रहा है. इस मामले में उसका पुराना इतिहास रहा है. इसी वजह से आतंकी फंडिंग के लिए वैश्विक निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखा है. आतंकी फंडिंग पर लगाम कसने के लिए पाकिस्तान के प्रयासों से असंतुष्ट होकर एफएटीएफ ने फरवरी में कहा था कि ग्रे लिस्ट से बाहर होने के लिए इस्लामाबाद ने 27 में से केवल 14 बिंदुओं का पालन किया. अब एफएटीएफ को जून में पाकिस्तान की प्रगति का फिर से मूल्यांकन करना है.
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