बिहार की सियासत में एक वक्त में अहम भूमिका अदा करने वाली लोक जनशक्ति पार्टी में बगावत शुरू हो गई है. मौजूदा अध्यक्ष चिराग पासवान के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने के बाद रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस ने आज प्रेस कांफ्रेंस करके अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मैंने पार्टी को तोड़ा नहीं है बल्कि पार्टी को बचाया है. अभी भी चिराग पासवान हमारे साथ हैं. Pashupati Paras Parliamentary Party Leader
पशुपति पारस ने मीडिया को संबोधित कर रखा था अपना पक्ष Pashupati Paras Parliamentary Party Leader
मामला बिगड़ा देख लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान पार्टी के सांसद और चाचा पशुपति कुमार पारस के दिल्ली आवास पर फौरन मुलाकात के लिए पहुंचे. चाचा और भतीजे के बीच सब कुछ ठीक नहीं इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चिराग को 20 मिनट से ज्यादा वक्त तक गेट के बाहर इंतजार करना पड़ा उसके बाद उनको घर में जाने की एंट्री मिली.
सर्वसम्मति से चुना गया संसदीय दल का नेता Pashupati Paras Parliamentary Party Leader
लंबी मुलाकात के बाद दावा किया गया कि सबकुछ ठीक है. उसके कुछ ही देर बाद जानकारी सामने आई कि बिहार के हाजीपुर से लोकसभा सांसद पशुपति कुमार पारस को सर्वसम्मति से लोकसभा में लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल का नेता चुन लिया गया है. Pashupati Paras Parliamentary Party Leader
गौरतलब है कि दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी दो हिस्सों में बंटती हुई नजर आ रही है. एक धड़ा रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस को अपना नेता मान रहा है तो दूसरा पासवान के पुत्र चिराग पासवान को अपना नेता मान रहे हैं. पार्टी के पांच सदस्य लोकसभा में अपना नेता पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता बनाना चाहते हैं. जिसके बाद चिराग पासवान अब अलग-थलग हो गए हैं. Pashupati Paras Parliamentary Party Leader
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