पटियाला: पंजाब के पटियाला में शिवसेना के द्वारा निकाले गए खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च के दौरान स्थिति बेहद ही तनावपूर्ण हो गई और कई सिख संगठन और हिंदू कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए, जिसके बाद पुलिस को पूरे मामले को सुलझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.
पंजाब के पटियाला में काली देवी मंदिर के पास आज दोपहर दो गुटों के बीच झड़प हो गई. मिल रही जानकारी के अनुसार शिवसेना के द्वारा निकाले गए खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च के दौरान स्थिति बेहद ही तनावपूर्ण हो गई और कई सिख संगठन और हिंदू कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए.
पटियाला के डीएसपी मोहित मल्होत्रा ने के मुताबिक कानून व्यवस्था की समस्या को देखते हुए पुलिस तैनात कर दी गई है. हम दो समूहों में से एक के प्रमुख हरीश सिंगला से बात कर रहे हैं क्योंकि उनके पास मार्च की अनुमति नहीं है. पटियाला में आज 29 अप्रैल शाम 7 बजे से कल 30 अप्रैल को सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है. 2 गुटों के बीच झड़प के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है.
न्यू पटियाला के एसएसपी डॉ. नानक सिंह ने इस सिलसिले में जानकारी देते हुए बताया कि बयान दर्ज़ किए जा रहे हैं, जिसकी ग़लती है उसे गिरफ़्तार किया जाएगा. कार्रवाई की जाएगी, पुलिस की तरफ से बताया गया था कि मार्च नहीं निकाला जाएगा. कल इन्होंने मार्च निकालने के लिए अनुमति मांगी थी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया था.
इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि पंजाब की अमन-शांति और भाईचारे के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस ने हालत सामान्य करते हुए कई लोगों को गिरफ़्तार भी किया है. इस हिंसा में जो लोग थे उनके खिलाफ पंजाब पुलिस और सरकार सख्त से सख्त कार्रवाई करने जा रही है. ये घटना दो समुदाय के बीच में नहीं बल्कि दो राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच हुई है. एक तरफ शिवसेना-कांग्रेस के लोग थे तो दूसरे ओर शिरोमनी अकाली दल के लोग थे. इन दोनों पार्टियों के असमाजिक तत्वों ने झगड़ा किया और माहौल बिगाड़ने की कोशिश की है.
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