डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम के संस्थापक सीईओ विजय शेखर शर्मा ने कहा कि कंपनी दो साल बाद के मुनाफे में आ सकती है. कंपनी अब अपने मौजूदा ग्राहक आधार को भुना रही है और आने वाले समय में अन्य वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में वृद्धि की संभावनाएं देख रही हैं. नोएडा स्थित कंपनी कंपनी तीन क्षेत्रों- वित्तीय सेवाओं, वाणिज्य और भुगतान पर खासतौर से फोकस कर रही है. पेटीएम 2016 में नोटबंदी के बाद तेजी से आगे बढ़ी है.
सीईओ विजय शेखर शर्मा ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा- पेटीएम की वृद्धि के तीन चरण हैं- बाजार के अनुरूप सही उत्पाद की तलाश के तीन साल, अगला चरण था राजस्व और मौद्रिकरण का, और अंतिम चरण मुनाफा और मुक्त नकद प्रवाह का होगा. पेटीएम ने 2015 में क्यूआर कोड लागू करना शुरू किया और 2018-19 में ये काम पूरा हुआ. वर्ष 2019-20 से ये मौद्रिकरण कर रही है.
कंपनी के मुनाफे में आने के बारे में पूछने पर शर्मा ने कहा कि मैं कहूंगा कम-से-कम दो साल क्योंकि हम एक बड़ी बाजार हिस्सेदारी वाली कंपनी हैं और हम अगली तिमाही में मुनाफे में आने के लिए बाजार हिस्सेदारी खोना नहीं चाहते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 12 महीनों में पेटीएम की कर पूर्व हानि में कमी हुई है, साथ ही पेटीएम पेमेंट बैंक, वाणिज्य और क्लाउड जैसे कारोबार पहले ही मुनाफे में हैं, जबकि पेटीएम फर्स्टजेम्स और पेटीएम मॉल “मुनाफे में आने ही वाले हैं.”