यूं तो कोरोना किसी का सगा नहीं है. वह हर समुदाय और हर वर्ग के लोगों में समान रूप से आक्रमण कर रहा है. हालांकि आईसीएमआर की ताजा रिपोर्ट बताती है कि 505-59 की आयु वाले लोगों में कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा है. हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बूढ़ों और जवानों में संक्रमण की रफ्तार में कुछ ज्यादा फर्क नहीं है.
दरअसल आईसीएमआर ने देश भर में दस लाख टेस्ट के आधार पर यह नतीजा निकाला है. उसके मुताबिक 22 जनवरी से 30 अप्रैल के बीच कुल 10215618 कोरोना टेस्ट किए गए जिसमें से 33610 नमूने पॉजिटिव निकले थे. नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी(पुणे) ने इन टेस्ट के आधार पर उम्र के हिसाब से कोरोना की संक्रमित होने की दर निकाली है. जो बताता है कि देश में युवा आबादी में भी संक्रमण अच्छा खासा हुआ है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 20-29 साल की आयु में प्रति दस लाख पर कोरोना अटैक रेट 40.5 दर्ज किया गया, जबकि 30-39 आयु वर्ग में 48.6 तथा 40-49 में 50.1 तथा 50-59 में सबसे ज्यादा 64.9 रिकॉर्ड किया गया. 60-69 आयु वर्ग में कोरोना अटैक रेट अपेक्षाकृत कम 61.8, 70-79 में 53.2 तथा 80 से अधिक में 40.9 पाया गया. यदि 20 साल से कम उम्र में कोरोना का अटैक रेट देखें तो 10-19 में 12.9 तथा दस साल से कम आयु वर्ग में 6.1 पाया गया.
मालूम हो कि देश में 63 फीसदी कोरोना मौतें बुजुर्गों की हुई हैं. यूरोप में यह प्रतिशत और भी ज्यादा है. ऐसे में शुरुआत में शोधकर्ताओं का मानना था कि यह वायरस बूढ़े लोगों पर ज्यादा आक्रमण करता है लेकिन हालिया शोध कुछ अलग ही स्थिति बयां कर रहे हैं.
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