नई दिल्ली: वैश्विक वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराने वाली वैश्विक निवेश बैंकिंग, सिक्योरिटीज व इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट फर्म गोल्डमैन सैक्स कंपनी ने उम्मीद लगाई है कि अगले साल तक ब्रेंट क्रूड की कीमत बढ़कर 110 डॉलर प्रति बैरल हो जाएगा. जो मौजूदा 85 डॉलर के स्तर से 30 फीसदी ज्यादा होगा.
गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक मांग और आपूर्ति और मौजूदा मांग के बीच के अंतर को देखते हुए, अगले साल कच्चे तेल की कीमतों में रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.
यदि कच्चे तेल की वैश्विक कीमत 110 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाती है, तो भारत में पेट्रोल की कीमत लगभग 150 रुपये प्रति लीटर हो सकती है जबकि डीजल 140 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच सकता है.
गोल्डमैन की एक रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे तेल की वैश्विक मांग, जो वर्तमान में प्रति दिन 9.90 करोड़ बैरल से अधिक है. एशिया कोरोना के प्रभाव से धीरे-धीरे उबर रहा है इसलिए आने वाले दिनों प्रति दिन खपत 10 करोड़ बैरल से अधिक होने की उम्मीद जताई जा रही है.
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का सीधा असर आम आदमियों की जेब पर पड़ता है. इसलिए सभी की निगाहें रोजाना इसके मूल्य पर टिकी रहती हैं. देश में सरकारी तेल कंपनियां लगातार कीमतों में बढ़ोतरी कर रही है. जिसकी वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं. इतना ही नहीं डीजल की कीमतों में होने वाली वृद्धि की वजह महंगाई आसमान को छू रही है.
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