कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है. देश गंभीर हालात से गुजर रहा है. वहीं, संकट के इस दौर में भी दूसरे राज्यों से बिहार लौटने वाले मजदूरों के साथ जिस तरह के बर्ताव हो रहे हैं उसे लेकर प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा है. चुनावी रणनीतिकार और पूर्व जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने दूसरे राज्यों से बिहार आने वाले लोगों के साथ हो रहे दिल दुखाने वाले बर्ताव पर बिहार के मुख्यमंत्री की आलोचना की और उनके इस्तीफे की मांग की.
किशोर ने ट्वीट किया कि कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने की सरकार की कोशिशों की एक और भयावह तस्वीर. देश के अनेक हिस्सों से भारी मुश्किलों का सामना करके बिहार पहुंचने वाले गरीब लोगों के लिए सामाजिक दूरी बनाने और पृथक रखने की नीतीश कुमार की यह व्यवस्था दिल दुखाने वाली है. नीतीश को इस्तीफा देना चाहिए.
.#Corona संक्रमण से लोगों को बचाने के सरकारी प्रयासों की एक और भयावह तस्वीर –
भारी तकलीफ़ और मुसीबतों को झेलकर देश के कई हिस्सों से बिहार पहुँचने वाले गरीब लोगों के लिए #NitishKumar की #SocialDistancing और #Quarantine की ये व्यवस्था दिल दहलाने वाली है।#NitishMustQuit pic.twitter.com/ot3hygGRk7
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) March 29, 2020
किशोर ने एक छोटा वीडियो टैग किया जिसमें एक स्थान में कुछ लोग बंद हैं और उनमें से एक अपनी कठिनाइयों का जिक्र करते हुए रोने लगता है. लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न हिस्से से कामगार अपने गृह राज्य बिहार लौट रहे हैं, ऐसे में राज्य सरकार ने उन्हें पृथक रखने के लिए केन्द्र बनाएं हैं. ऐसी खबरें हैं कि लोगों की बड़ी संख्या और उनके गुस्से को देखते हुए सरकार उन्हें उनके गांवों तक जाने देने के लिए मजबूर हुई है.
किशोर कोरोना वायरस से निपटने के तरीकों पर केन्द्र और बिहार सरकार पर निशाना साधते रहे हैं. हाल ही में उन्होंने कहा था कि 21 दिन का बंद बेतरतीब है. गौरतलब है कि किशोर जदयू में नीतीश कुमार के बाद दूसरे स्थान पर सबसे ताकतवार माने जाने थे पर नागरिकता संशोधन कानून को समर्थन देने के लिए नीतीश की लगातार आलोचना करने के कारण उन्हें इस साल की शुरुआत में पार्टी से निकाल दिया गया था.