नई दिल्ली: राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान रायपुर के नवनिर्मित परिसर तथा 35 विशेष गुणों वाली फसलों की किस्मों को प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया. इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जब से PM मोदी ने कार्यभार संभाला तब से कृषि के क्षेत्र में नई क्रांति का सूत्रपात हुआ है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से 99,000 करोड़ रुपये किसानों को देने हों या पीएम किसान सम्मान निधि से 1,58,000 करोड़ रुपये किसानों के खाते में देने हो.
इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि खेती की जो हमारी पुरातन परंपरा है उसके साथ-साथ मार्च टू फ्यूचर भी उतना ही आवश्यक है. फ्यूचर की जब हम बात करते हैं तो उसके मूल में आधुनिक टेक्नॉलॉजी है, खेती के नए औज़ार हैं. MSP में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ हमने खरीद प्रक्रिया में भी सुधार किया ताकि अधिक-से-अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके. रबी सीज़न में 430 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं खरीदा गया है.
PM मोदी ने आगे कहा कि किसानों को पानी की सुरक्षा देने के लिए हमने सिंचाई परियोजनाएं शुरू कीं, दशकों से लटकी करीब-करीब 100 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का अभियान चलाया. हाल के वर्षों में अलग-अलग फसलों की 1300 से अधिक बीज की विविधताएं तैयार की गई हैं, इसी श्रृंखला में आज 35 और फसल किस्मों को किसानों के चरणों में समर्पित कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि बीते 6-7 सालों में साइंस और टेक्नॉलॉजी को खेती से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया जा रहा है. विशेष रूप से बदलते हुए मौसम में, नई परिस्थितियों के अनुकूल, अधिक पोषण युक्त बीजों पर हमारा फोकस बहुत अधिक है. कृषि और विज्ञान के तालमेल का लगातार बढ़ते रहना 21वीं सदी के भारत के लिए बहुत ज़रूरी है. इसी से जुड़ा एक और कदम उठाया जा रहा है, देश के छोटे-छोटे किसानों की जिंदगी में बदलाव की आशा के साथ ये बहुत बड़ी सौगात मैं मेरे देश के किसानों के चरणों में समर्पित कर रहा हूं.
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