प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तालाबंदी लागू करने के बाद सबसे ज्यादा परेशान प्रवासी मजदूरों के नब्ज को आज टटोलने की कोशिश की. उन्होंने गरीब कल्याण रोजगार अभियान की आगाज कर प्रवासी मजदूरों से बातचीत भी की. इस योजना के तहत 6 राज्यों के 116 जिलों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों को फायदा मिलेगा. योजना के तहत ऐसे जिलों को शामिल किया गया है जिसमें 25 हजार से ज्यादा प्रवासियों मजदूरों की आबादी रहती है. सरकार इस योजना के तहत 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी.
पीएम मोदी ने रिमोट के जरिए गरीब कल्याण योजना का शुभारंभ किया. इस योजना की शुरुआत बिहार के खगड़िया जिले से की गई है. इस मौके पर उन्होंने प्रवासी मजदूरों को आश्वासन देते हुए कहा कि हमारी सरकार प्रवासी मजदूरों की पूरी मदद करेगी. हमारा प्रयास है कि इस अभियान के तहत प्रवासी श्रमिकों और कामगारों को उनके घर के पास ही काम दिया जाए. अभी तक ये लोग अपनी हुनर और मेहनत से शहरों का विकास कर रहे थे. अब अपने गांव में रोजगार पाकर अपने इलाके को आगे बढ़ाएंगे.
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लद्दाख की लगवानी घाटी में शहीद हुए जवानों की पराक्रम की चर्चा करते हुए कहा,”लद्दाख में हमारे वीरों ने जो बलिदान दिया है, मैं गौरव के साथ इस बात का जिक्र करना चाहूंगा कि ये पराक्रम बिहार रेजीमेंट का है, हर बिहारी को इसके लिए गर्व होता है. जिन सैनिकों ने अपना बलिदान दिया है उन्हें मैं श्रद्धांजलि देता हूं.”
गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरूआत के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल पर भी बातचीत करते हुए कहा कि भारत में दो तिहाई से ज्यादा आबादी आज भी गांवों में रहती है लेकिन जिस तरीके से गांव के लोगों ने कोरोना पर लगाम लगाया है उससे शहरों में रहने वाले लोगों को सबक लेना चाहिए. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जिसके सामने हिल गई, सहम गई, लेकिन आप डटकर खड़े रहे. भारत के गावों में तो कोरोना का जिस तरह मुकाबला किया है, उसने शहरों को भी बहुत बड़ा सबक दिया है. इस मौके पर उन्होंने ग्राम प्रधान, आंगनवाड़ी वर्कर, आशावर्कर्स, जीविका दीदी, जैसे ग्रामीण इलाकों में काम करने वाली कोरोना वॉरियर्स की प्रशंसा की.
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