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पीएम मोदी ने किया मत्स्य संपदा योजना का शुभारंभ, कहा- आत्मनिर्भर बनेगा बिहार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गुरुवार को मत्स्य संपदा योजना का शुभारंभ कर लाखों किसानों को तोहफा दिया. इस योजाना से करीब 55 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. इस मौके पर पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि लोकल के लिए जितना वोकल होंगे, बिहार उतना ही आत्मनिर्भर बनेगा.

प्रधानमंत्री (PM Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से 20,050 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) का शुभारंभ करते हुए यह भी कहा कि बिहार के गांव को आत्मनिर्भर भारत का केंद्र बनाने के लिए केंद्र सरकार अपने प्रयासों में और तेजी लाएगी.

पीएम (PM Modi) ने इस दौरान किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए एक समग्र नस्ल सुधार, बाजार और सूचना संबंधी ई-गोपाला ऐपकी भी शुरुआत की और आधे दर्जन से अधिक योजनाओं की शुरुआत की.

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भोजपुरी में किया अभिवादन

भोजपुरी में सभी के अभिवादन से अपने भाषण की शुरुआत करते हुए मोदी (PM Modi) ने कहा कि अब भारत उस स्थिति की तरफ बढ़ रहा है जब गांव के पास ही ऐसे क्लस्टर बनेंगे, जहां फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग भी लगेंगे और पास ही उससे जुड़े रिसर्च सेंटर भी होंगे.

पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा,

”एक तरह से हम कह सकते हैं- जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान. इन तीनों की ताकत एकजुट होकर जब काम करेगी तब देश के ग्रामीण जीवन में बहुत बड़े बदलाव होंगे. बिहार में तो इसके लिए बहुत संभावनाएं हैं.”

उन्होंने कहा कि बिहार के फल, चाहे वो लीची हो, जर्दालू आम हो, आंवला हो, मखाना हो या फिर मधुबनी पेंटिंग्स हो, ऐसे अनेक उत्पाद बिहार के जिले-जिले में हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा,

”हमें इन लोकल प्रोडक्ट्स के लिए और ज्यादा वोकल होना है. हम लोकल के लिए जितना वोकल होंगे, उतना ही बिहार आत्मनिर्भर बनेगा. बिहार के गांवों को आत्मनिर्भर भारत का केंद्र बनाने के लिए हमारे प्रयास और बढ़ने वाले हैं.”

सीएम नीतीश की तारीफ की

मोदी (PM Modi) ने बिहार में घर-घर नल का जल पहुंचाने के लिए हुए अब तक के काम के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर सराहना करते हुए कहा कि चार-पांच साल पहले बिहार के गांव में सिर्फ दो प्रतिशत घरों में साफ पानी की आपूर्ति थी. आज ये आंकड़ा बढ़कर 70 प्रतिशत से अधिक हो गया है.

योजना से किसे और कितना मिलेगा लाभ

इस योजना के तहत इससे पांच साल में अतिरिक्‍त 70 लाख टन मछली का उत्‍पादन हो सकेगा. यह मछली के एक्सपोर्ट को दोगुना बढ़ाकर 1,00,000 करोड़ रुपये कर देगी.

पीएमएमएसवाई के तहत 20,050 करोड़ रुपये मत्स्य क्षेत्र में अब तक का सबसे अधिक फंड है. इसमें से मरीन, इनलैंड फिशरीज और एक्वाकल्चर में लगभग 12340 करोड़ रुपये  और फिशरीज इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लगभग 7710 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है है.
मत्स्य संपदा योजना का लाभ केवल मछुआरा समुदाय से संबंध रखने वाले लोगों को मिलेगा. जलीय क्षेत्रों से संबंध रखने वाले और जलीय कृषि का कार्य करने वाले या इसके लिए इच्छुक व्यक्ति ही इस योजना के पात्र होंगे. समुद्री तूफान,बाढ़, चक्रवात जैसी किसी प्राकृतिक आपदा का बुरी तरह से ग्रसित मछुआरों को इसका फायदा मिलेगा. मछली पालने वाले किसानों को भी आसानी से 3 लाख रुपये का लोन मिल सकेगा. मछलीपालन को सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ दिया है.

किसान क्रेडिट कार्ड धारक 4 फीसदी ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का कर्ज ले सकते हैं. वहीं समय पर लोन का भुगतान करने परब्याज में अलग से छूट दी जाती है. मालूम हो कि राहत पैकेज की घोषणा करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि मरीन, इनलैंड फिशरी और एक्‍वाकल्‍चर में गतिविधियों के लिए 11,000 करोड़ रुपये का फंड उपलब्‍ध कराया जाएगा.

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