प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सोमवार को कहा कि बीते छह सालों में देश में चौतरफा सुधार हुए हैं और पिछले कुछ महीनों से इसकी गति और दायरे दोनों को बढ़ाया गया है ताकि 21वीं सदी भारत की हो. पीएम मोदी (PM Modi) मैसूर विश्वविद्यालय के शताब्दी दीक्षांत समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए ये बातें कहीं.
पीएम (PM Modi) ने कहा कहा, ‘हमारे देश में चौतरफा सुधार हो रहे हैं, इतने सुधार पहले कभी नहीं हुए. पहले कुछ फैसले होते भी थे तो वह किसी एक क्षेत्र में होते थे और दूसरे क्षेत्र छूट जाते थे.’
Addressing the Centenary Convocation of the University of Mysore. https://t.co/xDblOs4u6E
— Narendra Modi (@narendramodi) October 19, 2020
प्रधानमंत्री (PM Modi) ने कहा कि बीत छह सालों में देश को उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में स्थापित करने का हर स्तर पर प्रयास हो रहा है. इसी को ध्यान में ध्यान में रखते हुए देश में प्रबंधन, चिकित्सा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संस्थानों और उनमें सीटों की संख्या बढ़ाई गई है.
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पीएम मोदी ने कहा,
“6 सालों के भीतर सात नए भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), 15 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), हर साल एक नया भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और 16 नए भारतीय सूचना और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) की स्थापना की गई है.”
उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2014 से पहले देश में 13 आईआईएम ही थे. इसी तरह करीब छह दशक तक देश में सिर्फ सात एम्स देश में सेवाएं दे रहे थे. साल 2014 के बाद इससे दोगुने यानि 15 एम्स देश में या तो स्थापित हो चुके हैं या फिर शुरु होने की प्रक्रिया में हैं. आज़ादी के इतने वर्षों के बाद भी साल 2014 से पहले तक देश में 16 आईआईटी और नौ आईआईआईटी थे.’’
प्रधानमंत्री ने कहा,
‘‘हमारे देश में चौतरफा सुधार हो रहे हैं, इतने सुधार पहले कभी नहीं हुए. पहले कुछ फैसले होते भी थे तो वह किसी एक क्षेत्र में होते थे और दूसरे क्षेत्र छूट जाते थे. बीते 6 वर्षों में बहुत सारे सुधार हुए हैं और कई क्षेत्रों में सुधार हुए हैं.’’
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी हुए काम
प्रधानमंत्री (PM Modi) ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे प्रयास सिर्फ नए संस्थान खोलने तक ही सीमित नहीं है. इन संस्थाओं के प्रशासन में सुधार से लेकर लैंगिक और सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भी काम किया गया है. इन संस्थानों को ज्यादा अधिकार भी दिए गए हैं और इनमें पारदर्शिता भी लाई गई है.
पीएम (PM Modi) ने आगे कहा कि पिछले छह-सात महीने से सुधार की गति और दायरा दोनों बढ़ रहा है. खेती हो या अंतरिक्ष, रक्षा का क्षेत्र हो या उड्डयन का क्षेत्र, श्रम हो या फिर कोई और क्षेत्र, हर क्षेत्र में जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता की कमी थी और उसे दूर करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग बनाया जा चुका है. पीएम (PM Modi) ने कहा, ‘‘भारत के जीवन में यह दशक बहुत बड़ा मौका लेकर आया है. देश के युवा आत्मनिर्भर बनेंगे तो देश भी आत्मनिर्भर बनेगा.’’ प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कर्नाटक में बाढ़ और भारी बारिश से अस्त व्यस्त हुए जनजीवन और नुकसान की भी चर्चा की और पीड़ित परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट की. उन्होंने कहा कि केन्द्र और कर्नाटक सरकार राज्य में बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है.
कर्नाटक के राज्यपाल भी रहे मौजूद
कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वथ नारायण भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे. मालूम हो कि मैसूर विश्वविद्यालय की स्थापना 27 जुलाई, 1916 को हुई थी. यह देश का छठा विश्वविद्यालय और कर्नाटक राज्य में पहला विश्वविद्यालय था.