कोरोना संकटकाल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अगुवाई में आज कैबिनेट बैठक(cabinet meeting) होगी. माना जा रहा है कि इस बैठक में 34 सालों के बाद नई शिक्षा नीति पर मुहर लग सकती है. गौरतलब है कि इसी साल बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई शिक्षा नीति की घोषणा की थी. इस नीति के बाद देश में शिक्षा का अर्थ बदल जाएगा जिससे युवाओं को शिक्षा के नए मौके मिलने के साथ ही साथ रोजगार भी आसानी से मिलने की संभावना जताई जा रही है.
34 सालों बाद देश में लागू हो सकती है नई शिक्षा नीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में देश की शिक्षा नीति को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है. माना जा रहा है कि अगर बैठक में नई शिक्षा नीति पर मुहर लगती है तो 34 सालों के बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू होगी.
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बजट सत्र के दौरान नई शिक्षा नीति का किया था उल्लेख
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान बजट पेश करते हुए शिक्षा क्षेत्र को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की थी.
वित्त मंत्री ने एजुकेशन सेक्टर पर जोर देते हुए कहा था कि जल्द ही देश में नई शिक्षा नीति लागू की जा सकती है.
उन्होंने कहा था कि इस नीति के तहत सरकार क्सटर्नल कमर्शियल बॉरोविंग और विदेशी निवेश को लेकर कई अहम कदम उठाएगी.
जिससे सरकार युवा इंजीनियरों को इंटर्नशिप के अवसर के साथ ही साथ रोजगार मिलने में भी आसानी होगी.राष्ट्रीय पुलिस यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव भी लाया जा रहा है.
इतना ही नहीं इस योजना के तहत 100 टॉप यूनिवर्सिटियों में ऑनलाइन शिक्षा शुरू करने की भी योजना तैयार की जा रही है.
उच्च शिक्षा हासिल करने में होगी आसानी
इस सिलसिले में जानकारी देते हुए केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि नई शिक्षा नीति हायर एजुकेशन से संबंधित कई बातों का समाधान करेगी. देश के युवाओं को उच्च शिक्षा हासिल करने में पहले के मुकाबले काफी आसानी होगी.
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