नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में प्रधानमंत्री मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में हुई चूक की जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने धारदार दलील देते हुए कहा कि यह सीमा पार आतंकवाद का मामला है इसलिए एनआईए अधिकारी जांच में सहायता कर सकते हैं. इतना ही नहीं मेहता ने इस पूरे मामले को दुर्लभ बताते हुए कहा कि जब पीएम को सड़क मार्ग से जाना होता है तो SPG DGP से पूछती है. उनकी हरी झंडी के बाद ही यात्रा शुरू हो सकती है. जब सड़क ब्लॉक था तो मंजूरी क्यों दी गई.
याचिकाकर्ता वकील की ओर से पेश कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि पीएम सुरक्षा का मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और संसदीय दायरे में आता है. घटना की पेशेवर रूप से जांच की जानी चाहिए.
उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने प्रधान न्यायाधीश की पीठ के समक्ष प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध का मुद्दा उठाया था. सिंह ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो. याचिकाकर्ता ने मांग की है कि सुरक्षा उल्लंघन की गहन जांच हो, साथ ही पंजाब के डीजीपी और मुख्य सचिव को फौरन बर्खास्त किया जाए.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के बाद पंजाब सरकार चौतरफा आलोचना का शिकार हो रही है. मामले की जांच के लिए चरणजीत चन्नी सरकार ने हाई लेवल कमेटी गठित कर दी है. यह कमेटी अगले तीन दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी. पीएम की सुरक्षा में हुई बड़ी चूक के बाद भाजपा कांग्रेस पर लगातार हमला बोल रही है.
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