अनिल पुष्पांगदन, गांधीनगर: गुजरात में एक समय अंडरवर्ल्ड डॉन अब्दुल लतीफ़ का सितारा चमक रहा था. अब्दुल लतीफ के अलावा कई अंडरवर्ल्ड डॉन्स उनके नाम से घबराने वाले आईपीएस अधिकारी साढ़े तीन दशक से अधिक समय तक आईपीएस अधिकारी के रूप में सेवा देने के बाद आयु सीमा के कारण 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
गुजरात कैडर के डीजी रैंक के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एके सुरोलिया का नाम शायद ही कोई जानता हो. गुजरात पुलिस में सबसे चतुर आईपीएस अधिकारियों में से एक माना जाता है ऐसे सुपरकॉप आईपीएस अधिकारी सुरोलिया 4 दिनों के बाद सेवानिवृत्त होने वाले हैं. 80 और 90 के दशक में डॉन अब्दुल लतीफ का सितारा गुजरात में चमक रहा था. पूरे अहमदाबाद शहर के अलावा पूरे गुजरात में शराब का एक बड़ा नेटवर्क चलाता था. 1985 के अहमदाबाद नगर निगम के आम चुनाव में डॉन अब्दुल लतीफ़ ने जेल में रहने के बावजूद पाँच सीटें निर्दलीय जीतने में कामयाबी हासिल की थी. 1993 के मुंबई धमाकों में उसका नाम आने के बाद वह गुजरात से भाग गया. वह 1995 में गुजरात पुलिस के हाथों दिल्ली में चढ़ा था.
शंकरसिंह वाघेला उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उनके एक करीबी साथी का दाऊद-लतीफ के इशारे पर मार दिया गया था. इस मामले की जांच अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के तत्कालीन डीसीपी एके सुरोलिया को सौंपी गई थी. लतीफ उस समय जेल में था और जेल से बाहर निकलने के दौरान अब्दुल लतीफ पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था. क्राइन ब्रांच के तत्कालीन डीसीपी एके सुरोलिया ने मुठभेड़ में लतीफ को मार गिराया था. तभी से सुरोलिया ने अपनी एक अहम जगह बना ली थी. सरल स्वभाव और खिलाड़ी आईपीएस सुरोलिया से अपराधियों में खौफ बैठ गया था. सिर्फ अपराधी नहीं बल्कि कुछ पुलिस अधिकारी, कर्मचारी और राजनीतिक नेता भी इस अधिकारी के नाम खौफ खाते थे.
उन्होंने अहमदाबाद में गोधरा कांड के बाद भाजपा के एक नेता को जेल में डाल देने की धमकी दी थी. जिसके बाद भाजपा ने गुजरात विधानसभा के आम चुनावों में बहुमत हासिल किया और गृह मंत्री अमित शाह गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री बने. उसके बाद एके सुरोलिया को दिल्ली बीएसएफ में प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया गया था. वह लगभग एक दशक तक बीएसएफ में प्रतिनियुक्ति पर रहने के बाद 2012 में गुजरात लौटे. नरेंद्र मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे उन्होंने एके सुरोलिया को एटीएस का आईजी नियुक्त किया था. एके सुरोलिया वर्तमान में महानिदेशक रैंक के अधिकारी हैं, अतिरिक्त महानिदेशक और महानिदेशक की पदोन्नति उन्हें उसी स्थान पर मिला 35 वर्षों तक IPS में सेवा देने के बाद अब वह सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं.
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