बिहार के गोपालगंज में तिहरे हत्याकांड को लेकर नीतीश सरकार और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के विधायक अमरेंद्र पांडेय की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने विधायकों व विधान पार्षदों को लेकर गोपालगंज के लिए मार्च निकाला. लेकिन, लॉकडाउन के दौरान प्रशासन ने तेजस्वी और उनके विधायकों को रोक दिया और उन्हें गोपालगंज जाने की अनुमति नहीं दी. तेजस्वी की पुलिस के साथ बहस भी हुई. इसी बीच तेजस्वी के घर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
तेजस्वी ने गुरुवार को तिहरे हत्याकांड को लेकर गोपालगंज जाने की घोषणा की थी. उन्हें रोकने के लिए बड़ी तादाद में पुलिसकर्मियों और रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया है. पुलिस किसी भी सूरत में उन्हें गोपालगंज जाने से रोक रही है. तेजस्वी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अपराधियों के लिए लॉकडाउन नहीं है. हम पीड़ित परिवार से मिलने के लिए जा रहे हैं. हम सामाजिक दूरी का ख्याल रख रहे हैं.
तेजस्वी ने पुलिस द्वारा खुद को रोके जाने पर राज्य सरकार से अपराधियों और आतंकियों को रोकने के लिए कहा है. उन्होंने लिखा, ‘आतंकराज के आकाओं, रोकना है तो अपने अपराधियों और आतंकियों को रोकिए. शासन को पूर्व सूचना देकर मैं नरसंहार पीड़ितों से मिलने जा रहा हूं तो अब मुझे क्यों रोक रहे है? प्रशासन जबरदस्ती भीड़ लगाकर हमारे आवास के सामने सामाजिक दूरी की धज्जियां उड़ा रही है.
पटना एसएसपी मोर्चा ने संभाला मोर्चा
तेजस्वी यादव के आवास के बाहर खुद पटना के एसएसपी विनय तिवारी ने मोर्चा संभाला हुआ है. उनके आवास के बाहर समर्थकों का जमावड़ा लगा है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से किसी भी तरह के राजनीतिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं है. इसी कारण हमने किसी भी तरह की इजाजत नहीं दी है और कोशिश की जा रही है कि लॉकडाउन के नियमों का पालन हो.
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