केरल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में देश के पहले स्वदेशी युद्धपोत INS विक्रांत को भारतीय नौसेना को समर्पित किया. यह भारत के समुद्री इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा और सबसे जटिल युद्धपोत है. हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भारतीय नेवी को मुबारकबाद देते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा है.
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने नेवी को मुबारकबाद दिया. INS विक्रांत स्वदेशी विमान वाहक जिसका कमीशन आज प्रधानमंत्री ने अपने हाथों से किया उसका लॉन्च 2013 में हुआ था. हमें ये भी सोचना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार तीसरे विमान वाहक की इजाजत क्यों नहीं दे रही है?
इसके अलावा ओवैसी पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि नेवी में हमें 200 जहाज की जरूरत है हमारे पास बस 130 हैं इसकी इजाजत प्रधानमंत्री क्यों नहीं दे रहे हैं? इसकी इजाजत इसलिए नहीं दे रहे हैं क्योंकि उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को अपनी नीतियों से बर्बाद कर दिया है. उनके पास पैसे नहीं हैं.
वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश ने कहा कि INS विक्रांत को कमीशन करने में 20-22 साल लगे हैं. अगर आप इसका इतिहास देखेंगे तो यह 1999 से शुरू होता है और कमीशन आज हुआ. लेकिन आज के प्रधानमंत्री इसका श्रेय खुद लेंगे और कहेंगे कि मैं जब 2014 में आया उसके बाद इसकी शुरुआत हुई. शासन में निरंतरता होती है लेकिन हमारे PM ने कभी उसको स्वीकार नहीं किया. यह (INS विक्रांत) एक बड़ी उपलब्धि है जिसकी शुरूआत 22 साल पहले हुई थी जिसमें वाजपेयी जी की सरकार, मनमोहन जी की सरकार और फिर मोदी जी की सरकार सबको श्रेय मिलना चाहिए.
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