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पोरबंदर नगर पालिका में भर्ती घोटाला, सरकारी खजाने को लगा 10 करोड़ का चूना

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पोरबंदर: पोरबंदर नगर पालिका में चलने वाले भर्ती घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. पिछले पांच वर्षों में हुए भर्ती घोटाले में 400 कर्मचारियों की अवैध भर्ती हुई है.

इन कर्मचारियों को सरकारी खजाने से अब तक दस करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.

नगर पालिका में चलने वाले इस घोटाले का पर्दाफाश किसी और ने नहीं बल्कि राज्य सरकार के ऑडिट विभाग की ओर से किया गया है.

मामला सामने आने पर कांग्रेस नेता ने बोला हमला

मामला सामने आने के बाद कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने गुजरात की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार की नगर पालिकाएं भ्रष्टाचार से त्रस्त हैं.

विकास से लेकर रोजगार तक हर चीज में भ्रष्टाचार व्याप्त है. यदि कांग्रेस यह आरोप लगाती तो शायद लोग ध्यान नहीं देते लेकिन सरकार अपने ऑडिट विभाग की रिपोर्ट में कह रही है कि पोरबंदर नगर पालिका की अवैध भर्ती की गई है.

जिसकी वजह से सरकारी तिजोरी को 10 करोड़ का नुकसान हुआ है.

ऑडिट विभाग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

माना जा रहा है कि भर्ती घोटाले को वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया था. इसने 2017-18 में आवश्यकता से 321 अधिक कर्मचारियों की भर्ती की गई थी.

उन्हें एक करोड़ 34 लाख रुपये से अधिक का भुगतान भी किया गया है. इससे पहले, 2015-16 में आवश्यकता से अधिक 121 कर्मचारियों की भर्ती की गई थी.

उन्हें भी अब तक 1 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है. हैरानी की बात यह है कि भर्ती हुए कर्मचारियों की दादागिरी ऐसी थी कि उन्हें काम पर नहीं आने पर भी वेतन दिया जाता था.

कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने कहा कि पारदर्शिता की बात करने वाली सरकार वास्तव में भ्रष्टाचार में लिप्त है.

पारदर्शिता के नाम पर भाजपा शासक और सहयोगी प्रधानमंत्री की तस्वीर का वंदन कर भ्रष्टाचार की झील में डूब रहे हैं. आयोगों और कोन्ट्रक्ट का राज अपनी चरम सीमा पर है.

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