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मोदी सरकार ने 3 हवाई अड्डों को 50 वर्षों के लिए निजी कंपनियों के हाथों में सौंपा

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आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई. कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी विस्तार से केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. इसमें हवाई अड्डों के निजीकरण को लेकर उन्होंने अहम जानकारी दी.

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा

‘सरकार ने एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के जयपुर, गुवाहटी और तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डों को लीज पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
ये मंजूरी सरकार ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत दी है.’

यानी ये तीनों हवाई अड्डे अब निजी कंपनियों के हाथों में चले जाएंगे.
कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे कि मोदी सरकार कुछ हवाई अड्डों को निजी हाथों में दे सकती है.
प्रकाश जावड़ेकर ने इस अहम फैसले के फायदे भी बताए.

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प्रकाश जावड़ेकर ने कहा,

‘इससे जो 1070 करोड़ रुपये मिलेंगे, ये एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया दूसरे छोटे शहरों में एयरपोर्ट विकसित करने में इस्तेमाल करेगी.
ये पैसा काफी काम आएगा. इसका दूसरा फायदा ये होगा कि यात्रियों को अच्छी सुविधा मिलेगी.
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 50 साल के लिए निजी हाथों में दिया है.
उसके बाद ये एयरपोर्ट वापस मिल जाएंगे.’

पहले 12 हवाई अड्डों को लेकर हुआ था फैसला 

 इससे पहले केंद्र सरकार एयरपोर्ट अथॉरिटी के 12 हवाई अड्डों के निजीकरण का फैसला ले चुकी है.
लखनऊ, गुवाहाटी, अहमदाबाद, मैंगलोर, तिरुवनंतपुरम और जयपुर के छह हवाई अड्डों के निजीकरण पर निर्णय पहले चरण में लिया जा चुका है.
2030 तक 100 नए एयरपोर्ट बनाएंगे.
AAI के पास देशभर में 100 से ज्यादा एयरपोर्ट का ऑनरशिप है.
वह इनका मैनेजमेंट करता है.

सरकार ने 2018 में लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी एयरपोर्ट के प्राइवेटाइजेशन का फैसला किया था. 2019 में अडाणी एंटरप्राइजेज ने इन 6 एयरपोर्ट के ऑपरेशन का अधिकार हासिल किया था.

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