महाराष्ट्र में सत्ता का संघर्ष अब राष्ट्रपति शासन की तरफ पहुंचता दिखाई दे रहा है. किसी भी दल को बहुमत न मिलने के चलते 24 अक्टूबर के बाद से अब तक राज्य में सरकार गठन नहीं हो पाया है. बीजेपी और शिवसेना दोनों को राज्यपाल सरकार बनाने के लिए बुला चुके हैं और उनके चांस खत्म हो गए हैं. आज एनसीपी की बारी है. इससे पहले ही मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रपति शासन पर फैसला ले लिया है और राष्ट्रपति को सिफारिश भेज दी है. इस बीच शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
समय खत्म होने से पहले सिफारिश
राज्यपाल ने पहली बीजेपी और फिर शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया था. आखिर में कल रात राज्यपाल ने एऩसीपी को आज रात 8.30 बजे तक का समय दिया था लेकिन ये समय सीमा पूरी होने से पहले से राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी. राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की खबर पर कांग्रेस से शिवसेना में आईं नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने सवाल उठाया है. उन्होंने ट्वीट कर पूछा है,
एनसीपी ने जताया एतराज
ताज्जुब की बात ये है कि राष्ट्रपति शासन की सिफारिश आने से थोड़ी देर पहले ही एनसीपी नेता नवाब मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि राजभवन से उन्हें जानकारी दी गई है कि समय सीमा खत्म होने से पहले राष्ट्रपति शासन की सिफारिश नहीं की जाएगी.