अहमदाबाद: गुजरात में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कोरोनाकाल में जहां एक तरफ अहमदाबाद के मरीजों की हालत पहले से ही खराब है. वहीं दूसरी तरफ निजी अस्पताल में मरीजों से इलाज के नाम पर भारी रकम वसूल की जा रही है. इन अस्पतालों पर हाईकोर्ट के फटकार का भी कोई असर नहीं दिख रहा. इस बीच एक कोरोना मरीज को निजी अस्पताल से सरकारी अस्पताल पहुंचने के लिए बीस हजार रुपया सिर्फ एम्बुलेंस का चार्ज देना पड़ा.
मिल रही जानकारी के अनुसार अहमदाबाद के खोखरा इलाके में रहने वाले सुभाषभाई जाधव में कोरोना का संदिग्ध लक्षण दिखने के बाद अर्बन सेंटर ने एसवीपी अस्पताल भेजा था. एसवीपी अस्पताल में सुभाषभाई का नमूना लेकर कहा गया कि “हमारे पास एक भी बेड खाली नहीं है.” जिसके बाद रिश्तेदारों ने मरीज इलाज के लिए प्रवाइवेट अस्पताल लेकर गए.
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उसी दिन देर रात अस्पताल से फोन आया और कहा गया कि आपके मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत है लेकिन हमारे पास वेंटिलेटर नहीं है. इसलिए अपने मरीज को कहीं और ले जाएं. परिवार ने मरीज को गांधीनगर सिविल में स्थानांतरित करने की व्यवस्था की. जिसके बाद अस्पताल ने एम्बुलेंस बुलाया.
अस्पताल की ओर से मिले एम्बुलेंस को चलाने वाले लोगों ने कहा कि मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए 20,000 रुपये चुकाना पड़ेगा. लेकिन परिवार के पास उतना पैसा नहीं था जिसके बाद अन्य रिश्तेदारों से 20,000 रुपये एकत्र किए और अस्पताल में भुगतान किया. खोखरा निवासी शैलेश भाई ने ढाई मिनट का वीडियो सोशल मीडिया मीडिया अपलोड करने अपने दर्द को बताया.
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