उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया. आज इस मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना की बेंच करेगी. पीड़ित किसानों से मुलाकात के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि पीड़ितों ने साफ कह दिया है कि उनको मुआवजा नहीं इंसाफ चाहिए और जबतक उनको इंसाफ नहीं मिलेगा मेरी लड़ाई जारी रहेगी.
हिंसा के पीड़ित परिजनों से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि इसके लिए मैं लडूंगी. जबतक ये मंत्री बर्खास्त नहीं होगा और जबतक ये लड़का गिरफ्तार नहीं होगा तबतक मैं बिल्कुल अडिग रहूंगी क्योंकि मैंने उन परिवारों को वचन दिया है. सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के अंडर जांच होनी चाहिए. नैतिक आधार पर मंत्री इस्तीफा दें.
प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि अभी तक न्याय नहीं मिला, न्याय कैसे मिलेगा अगर वे गृहराज्य मंत्री रहेंगे. ये सब उनके अंडर आता है न, जबतक वे बर्खास्त नहीं होंगे निष्पक्ष जांच कौन करेगा? तीनों परिवारों ने एक ही बात कही कि मुआवजे से मतलब नहीं है, हमें न्याय चाहिए.
बीते दिनों लखीमपुर प्रशासन और किसानों के बीच कई दौर की बैठकों के बाद समझौता हुआ था. जिसके बाद प्रदर्शन कर रहे किसानों ने धरना समाप्त कर दिया था. प्रशासन ने किसानों की सभी मांगों को मान लिया है. मृतक किसानों के परिजनों को 45-45 लाख रुपये और घायलों को 10 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी. मृतक किसान के परिवार के किसी सदस्य को पात्रता के अनुसार सरकारी नौकरी दी जाएगी. इतना ही नहीं आठ दिनों के भीतर उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा मामले की जांच की जाएगी और दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा.
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