पंजाब कांग्रेस में सियासी घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. आलाकमान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के विवाद को खत्म करने के लिए चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री नियुक्त किया था. लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अब एक नया विवाद शुरू हो गया है. विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी में चल रहे आपसी लड़ाई आलाकमान के खिलाफ संकट के बादल भी खड़े कर दिए हैं.
इस बीच मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सिद्धू के इस्तीफे को लेकर आज अहम बैठक बुलाई है. मंगलवार को सिद्धू के इस्तीफे के बाद भी चन्नी ने इस मुद्दे पर अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ दो घंटे तक चर्चा की. जबकि पंजाब कांग्रेस के कुछ नेता सिद्धू के आवास पर मिलने पहुंचे थे.
मंगलवार को सिद्धू के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता वाले नए 18 सदस्यीय मंत्रिमंडल में शामिल रजिया सुल्ताना ने भी सिद्धू के साथ एकजुटता दिखाते हुए इस्तीफा दे दिया था. पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी को लिखे इस्तीफे में सुल्ताना ने कहा, ‘मैं रजिया सुल्ताना, पंजाब कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे रही हूं, मैं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और राज्य के लाखों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ हूं.”
सिद्धू ने 28 सितंबर को राज्य में गठित नए मंत्रिमंडल के सदस्यों को पोर्टफोलियो आवंटित किए जाने के तुरंत बाद पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि सिद्धू ने यह नहीं बताया कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया. अपने त्याग पत्र में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखा कि वह पार्टी की सेवा करते रहेंगे. गौरतलब है कि पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह के साथ होने वाली उनकी लड़ाई के बाद इसी साल जुलाई में पार्टी की राज्य इकाई का अध्यक्ष चुना गया था.
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