चंडीगढ़: कांग्रेस ने दो दिवसीय मैराथन बैठक के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देने का निर्देश दिया और चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री चुना है. हालांकि, ऐसी भी अटकलें हैं कि चुनाव से पहले चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने से अंतत: पार्टी को फायदा होगा और क्या चन्नी वह करिश्मा कर पाएंगे जो कैप्टन अमरिंदर सिंह कर सकते थे. हालांकि पार्टी को इसका जवाब कुछ महीने पहले ही मिल गया था. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पिछले महीने पंजाब के मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया था. माना जा रहा है कि कांग्रेस ने पीके के फीडबैक के आधार पर पंजाब में यह बड़ा बदलाव किया है.
प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच उन्होंने पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्य सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया था. सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने ही यह प्रतिक्रिया दी थी कि आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस आम आदमी पार्टी से पिछड़ सकती है.
एक अन्य सूत्र ने कहा कि पार्टी के एक आंतरिक सर्वेक्षण में पाया गया कि पंजाब में कांग्रेस कमजोर हो रही है और पार्टी अगले चुनावों में मौजूदा सीटों में से आधी भी नहीं जीत सकेगी. गौरतलब है कि 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के पास फिलहाल 80 सीटें हैं.
गौरतलब है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. हालाँकि मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि पीके को कांग्रेस पार्टी में बड़ी भूमिका दी जा सकती है. लेकिन इसका अंतिम निर्णय पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी. प्रशांत किशोर ने पिछले महीने 5 अगस्त को पंजाब के मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया था.
मिला था कैबिनेट मंत्री का दर्जा
मशहूर चुनावी रणनीतिकार प्रशातं किशोर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार इसी साल 3 मार्च को बनाए गए थे. पंजाब कैबिनेट ने उनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी थी. इस नियुक्ति के बाद प्रशांत किशोर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था. ये वहीं प्रशांत हैं जिन्होंने 2017 में कांग्रेस पार्टी को पंजाब चुनाव में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी.
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