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सूरत: भाजपा नेता पीवीएस शर्मा की 2.70 करोड़ की संपत्ति को ईडी ने किया जब्त

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पर्वतन निदेशायल (ईडी) ने सूरत भाजपा नेता और पूर्व आयकर अधिकारी पीवीएस शर्मा (PVS Sharma) के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी 2.70 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. सूरत शहर के उपाध्यक्ष पीवीएस शर्मा (PVS Sharma) की कई संपत्तियों को कुर्क किया गया है.

ईडी ने एक ट्वीट में कहा कि एजेंसी ने धोखाधड़ी के एक मामले में पीवीएस शर्मा (PVS Sharma) के फ्लैटों, दुकानों, प्लॉट्स, फिक्स्ड डिपोजिट, और बैंक बैलेंस सहित कुल 2 करोड़ 70 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की है.

सूरत आयकर विभाग के उप निदेशक (जांच) के एक अधिकारी ने एक अखबार के गलत सर्कुलेशन दिखाने वाले विज्ञापन के लिए पीवीएस (PVS Sharma) शर्मा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. बाद में उन्हें ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था. हालांकि उन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए आत्महत्या का प्रयास किया था. शर्मा इस समय जेल में हैं.

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शर्मा (PVS Sharma) संकेत मीडिया के निदेशक भी थे. वह धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में आरोपी है. सूरत पुलिस ने नवंबर में पीवीएस शर्मा को गिरफ्तार किया था. तब सूरत आईटी के उप निदेशक (जांच) ने उनके और उनकी कंपनी के निदेशक सीताराम अदुकिया के खिलाफ उमरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी.

तलाशी अभियान में मिले कई जाल

आयकर विभाग ने अक्टूबर के मध्य में पीवीएस शर्मा को लेकर तलाशी अभियान चलाया था. शर्मा के खिलाफ तलाशी अभियान से बेहिसाब आय और बेनामी संपत्ति का पता चला. बाद में शर्मा ने अपने आवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी. उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्हें छुट्टी के दिन गिरफ्तार कर लिया गया.

छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने कई फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए थे. शर्मा ने एक अखबार भी चलाया जिसमें विज्ञापन पाने के लिए सर्कुलेशन के आंकड़े जाली थे. इस दौरान पता चला कि शर्मा जिस कंपनी से जुड़े थे, उसने अपने गुजराती संस्करण के लिए 23,500 और अंग्रेजी संस्करण के लिए 6,000 का जाली सर्कुलेशन दिखा रखा था.

क्यों किया जालसाजी

हालांकि, स्टॉक रजिस्टर में एक हाथों से लिखे नोट से पता चलता है कि कागज की छपाई के लिए मांगने वाला स्टॉक गुजराती और अंग्रेजी संस्करण दोनों की केवल 300 से 600 प्रतियों के लिए था. अधिकारियों ने कहा कि कंपनी ने सरकारी और निजी दोनों जगहों से अधिक विज्ञापन प्राप्त करने के लिए सर्कुलेशन के आंकड़े में गड़बड़ी की थी.

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