- एक बार फिर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर बोला हमला
- इस बार राहुल ने उठाया बेरोजगारी का मुद्दा
- कहा फौरन दिया जाए देश के बेरोजगारों को रोजगार
- रोजगार देने की नीति में भी बदलाव का राहुल ने किया मांग
देश में जहां एक तरफ कोरोना का कहर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है वहीं दूसरी तरफ तालाबंदी की वजह से बर्बाद हुई अर्थव्यवस्था आज भी पटरी पर नहीं आई है.
हांलकि केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से पटरी पर लाने के लिए कोरोना संकटकाल में अनलॉक की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है.
बावजूद इसके राहुल गांधी लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर गिरती अर्थव्यवस्था और बढ़ते कोरोना के मामलों को लेकर हमला बोल रहे हैं.
इस बार राहुल ने उठाया बेरोजगारी का मुद्दा
उन्होंने आज एक बार फिर से ट्वीटकर मोदी सरकार पर हमला बोला है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि सरकार ने युवाओं के भविष्य को कुचल कर रख दिया है.
इसलिए अब जरूरी हो गया है कि एकजुट होकर सरकार से नौकरी की मांग की जाए और हर जगह को प्राइवेट हाथों में बेचने की मोदी सरकार की नीति का विरोध किया जाए.
The policies of Modi Govt have caused the loss of crores of jobs and a historic fall in GDP.
It has crushed the future of India’s youth. Let’s make the Govt listen to their voice.
Join #SpeakUpForJobs from 10am onwards. pic.twitter.com/mRUooQ1yjX
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 10, 2020
ट्वीट कर साधा निशाना
राहुल गांधी ने #SpeakUpForJobs के तहत अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया. इस वीडियो में कहा गया है, “कोरोना महामारी में बिना सोचे समझें किए गए लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है.
जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है. लाखों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. छोटे मध्यम व्यापार तबाह हो चुके हैं.
देश की लोगों की ओर से हम सहायता की मांग करते हैं केंद्र सरकार अगले एक साल तक हर बेरोजगार को प्रति महीने 6 हजार रुपया दे.
इतना ही नहीं वीडियो में मांग किया गया है कि भाजपा सरकार को रोजगार देने की नीति में भी बदलाव करना चाहिए और 10 लाख से ज्यादा खाली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरा जाए”
गौरतलब है कि इससे पहले भी राहुल गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था “अचानक किया गया लॉकडाउन असंगठित वर्ग के लिए मृत्युदंड जैसा साबित हुआ.
वादा था 21 दिन में कोरोना ख़त्म करने का, लेकिन ख़त्म किए करोड़ों रोज़गार और छोटे उद्योग. मोदी जी का जनविरोधी ‘डिज़ास्टर प्लान. उससे पहले उन्होंने एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने को लेकर भी मोदी सरकार पर हमला बोला था.
मोदी जी ‘सरकारी कंपनी बेचो’ मुहीम चला रहे हैं. खुद की बनायी आर्थिक बेहाली की भरपाई के लिए देश की सम्पत्ति को थोड़ा-थोड़ा करके बेचा जा रहा है.
जनता के भविष्य और भरोसे को ताक पे रखकर LIC को बेचना मोदी सरकार का एक और शर्मनाक प्रयास है.
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