Rahul Gandhi on Farmers Protest: कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी मांग पर अड़े किसान लगातार आंदोलनरत हैं. इस दौरान कई किसानों की जान भी गई है. इसी बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग मंगलवार को फिर दोहराई. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की उदासीनता एवं अहंकार के कारण किसान आंदोलन के दौरान 60 से अधिक किसानों की जान जा चुकी है.
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार को ट्वीट करके कहा, ‘‘मोदी सरकार की उदासीनता और अहंकार ने 60 से अधिक किसानों की जान ले ली. किसानों के आंसू पोंछने के बजाय यह सरकार उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ रही है. इस तरह की क्रूरता सांगगांठ वाले पूंजीपतियों के हितों को बढ़ावा देने के लिए है.’’
Modi Govt’s apathy & arrogance have claimed lives of over 60 farmers.
Instead of wiping their tears, GOI is busy attacking them with tear gas. Such brutality, just to promote crony capitalists’ business interests.
Repeal the anti-farm laws.#मोदी_सरकार_ज़िद_छोड़ो
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 5, 2021
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कांग्रेस नेता (Rahul Gandhi) ने आरोप लगाया कि इस तरह की क्रूरता सांगगांठ वाले पूंजीपतियों के हितों को बढ़ावा देने के लिए है. राहुल गांधी ने कहा कि तीनों कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने (Rahul Gandhi) अपनी इस पोस्ट के साथ मोदी सरकार जिद छोड़ो हैश टैग का प्रयोग किया.
बता दें कि हाल ही में किसान आंदोलन में शामिल एक किसान ने बाथरूम में फांसी लगा ली थी. इस दौरान उसने एक सूसाइड नोट भी छोड़ा था और अपनी बेबसी बताई थी. इससे पहले भी लगातार कई किसान कड़ाके की सर्दी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं.
बेनतीजा रही आठवें दौर की बातचीत
सोमवार को किसान संगठनों और सरकार के बीच आठवें दौर की बैठक हुई. इस बैठक से भी कोई नतीजा नहीं निकला. अब आठ जनवरी को फिर बैठक होगी. किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए.
अपनी मांगों को लेकर हजारों किसान दिल्ली के निकट पिछले करीब डेढ़ महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए.