Rahul Gandhi on Farmers Protest: कृषि कानूनों (Farm Laws) पर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के नुमाइंदों के बीच आठवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही. हालांकि एकबार फिर किसानों ने साफ किया है कि वह अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे. वहीं सरकार ने अब अगले दौर की बातचीत के लिए 15 जनवरी की तारीख दी है. उधर इस मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट किया, नीयत साफ नहीं है जिनकी, तारीख पर तारीख देना स्ट्रैटजी है उनकी.
नीयत साफ़ नहीं है जिनकी,
तारीख़ पे तारीख़ देना स्ट्रैटेजी है उनकी!— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 8, 2021
बता दें कि इससे पहले भी राहुल (Rahul Gandhi) लगातार किसान आंदोलन के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं और कृषि कानूनों के विरोध में मोदी सरकार पर हमला बोलते रहे हैं.
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किसानों ने लंगर खाने से मना किया
इससे पहले आज किसान और सरकार के बीच आठवें दौर की बातचीत बेनतीजा रही. सरकार के रुख से नाराज किसानों ने बैठक के बीच में लंगर खाने से मना कर दिया. तल्खी बढ़ने पर सरकार ने लंच ब्रेक का आग्रह किया तो किसान नेताओं ने कहा कि ना रोटी खाएंगे ना चाय पिएंगे. इससे पहले की बैठकों में किसान लंगर से मंगाया गया खाना खाए थे. इसके अलावा पिछली बैठक में सरकार के नुमाइंदे भी किसानों के साथ उनका खाना खाते नजर आए थे.
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तीनों कानूनों पर बैठक में चर्चा हुई लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ. अगली चर्चा में समाधान की उम्मीद है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री और पंजाब से सांसद सोम प्रकाश करीब 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विज्ञान भवन में वार्ता की.
वहीं बैठक के दौरान कुछ किसान बैठक में तख्ती लिए थे. जिसपर लिखा था, ‘हम या तो मरेंगे या जीतेंगे.’ बैठक के बाद अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि बैठक के दौरान तीखी बहस हुई. हमने कहा कि हम कानूनों को निरस्त करने के अलावा कुछ नहीं चाहते हैं. हम किसी भी अदालत में नहीं जाएंगे, हम लड़ाई जारी रखेंगे. 26 जनवरी को हमारी परेड योजना के अनुसार होगी. बता दें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार 44वें दिन दिल्ली की सीमाओं पर जारी है.