रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित धर्म संसद एक बार फिर से विवादों में घिर गया है. धर्म संसद के आखिरी दिन कालीचरण नामक संत ने महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया था. इतना ही नहीं कालीचरण ने अभ्रद भाषा का इस्तेमाल करते हुए गांधी को देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार ठहराया था. मामला सामने आने के बाद कालीचरण के खिलाफ रायपुर में केस दर्ज किया गया है. लेकिन संत कालीचरण के बयान को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं.
रायपुर में आयोजित धर्म संसद में संत कालीचरण द्वारा महात्मा गांधी पर बोले गए अपशब्दों पर छत्तीसढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में इतना बड़ा बयान दिया गया है लेकिन भाजपा नेताओं की तरफ़ से मामले में एक भी बयान नहीं आया है. भाजपा मौन है. ये धरती शांति की है.
छत्तीसगढ़ CM भूपेश बघेल ने आगे कहा कि यहां पर उत्तेजक और हिंसात्मक बातें बर्दाश्त नहीं की जाती है. राष्ट्रपिता के बारे में इस प्रकार की बातें बोलना निश्चित रूप से दर्शाता है कि उनकी मानसिक स्थिति क्या है. जितनी निंदा की जाए उतनी कम है. जितने भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं वह उठाए जाएंगे.
यह भगवाधारी फ़्रॉड राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को सरेआम गालियाँ दे रहा है, इसे तत्काल अंदर करना चाहिए।
गाँधी जी से किसी को वैचारिक मतभेद हो सकता है,पर उनका अपमान करने का हक किसी को नहीं है।
यह अक्षम्य अपराध है।pic.twitter.com/ToQF1ZC8AJ— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) December 26, 2021
कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कालीचरण का एक विवादित बयान अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा करते हुए लिखा “यह भगवाधारी फ़्रॉड राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को सरेआम गालियाँ दे रहा है, इसे तत्काल अंदर करना चाहिए. गाँधी जी से किसी को वैचारिक मतभेद हो सकता है, पर उनका अपमान करने का हक किसी को नहीं है. यह अक्षम्य अपराध है.”
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