कांग्रेस में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव और भारत जोड़ो यात्रा के बीच राजस्थान में सियासी संकट गहरा गया है. सचिन पायलट को कांग्रेस आलाकमान द्वारा अगला मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना के बीच अशोक गहलोत का समर्थन करने वाले 90 विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है. राजस्थान में जारी सियासी संकट को लेकर भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर निशाना साधा है.
राजस्थान राजनीतिक संकट को लेकर राज्य प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि इससे पहले भी वे(विधायक) 50 दिन बाड़े में बंद रहे हैं. मुख्यमंत्री(बनने) के लिए जो महत्वाकांक्षा रही, उससे कांग्रेस बेनकाब हुई है. अशोक गहलोत ने ऐसी सरकार छोड़ी है जिसे देवता भी ऐसी परिस्थितियों को बदल नहीं पाएंगे.
राजस्थान राजनीतिक संकट पर राजस्थान विधानसभा के उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने कहा कि राजस्थान का राजनीतिक घटनाचक्र सरकार की अस्थिरता की ओर संकेत करता है. इस सरकार का जन्म अंतर कलह से हुआ और दुर्भाग्य से अंतर कलह अब भी चल रही है. पहली बार बहादुर विधायकों ने अपने आलाकमान को ललकारा है. जब पूरे मंत्री मंडल ने त्यागपत्र दे ही दिया है, तो अकेले मुख्यमंत्री क्या करेंगे. अगर उनमें हिम्मत है तो ऐसे समय में मुख्यमंत्री को मंत्री मंडल की आपात बैठक बुलाकर सदन को भंग करने की सिफारिश करनी चाहिए.
वहीं राजस्थान में राजनीतिक संकट पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत जोड़ो’ में मनोरंजन कम हुआ अब राजस्थान में भी शुरू हो गया है. राज्य में सरकार नाम की कोई चीज़ नहीं है. कांग्रेस सिर्फ सत्ता का सुख भोगना चाहती हैं, जनता की सेवा नहीं करना चाहती… कांग्रेस में न दिशा है न नेता है.
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