केरल और पंजाब के नक्शेकदम पर चलते हुए अब राजस्थान ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास किया है. विधानसभा में जिस वक्त नागरिकता कानून को लेकर प्रस्ताव पास किया जा रहा है था उस दौरान बीजेपी विधायकों ने जमकर विधानसभा में नारेबाजी की. लेकिन सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विपक्ष के हंगामा को नजर अंदाज करते हुए कहा कि उनकी सरकार केंद्र के इस कानून का पुरजोर विरोध करती है. इसी दिशा में विधानसभा में आज सरकार ने इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव रखा, जिसे पास कर दिया गया है.
बताते चलें कि केरल और पंजाब सरकार भी नागरिकता कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर चुकी है. इतना ही नहीं, केरल सरकार इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का भी रुख कर चुकी है. जिसके बाद केरल के मुख्यमंत्री और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान आमने-सामने आ गये थे. वहीं पंजाब सरकार विधानसभा में इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास करने के दौरान कहा था कि ये कानून देश के मूल भावना के खिलाफ है इसलिए हम इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव ला रहे हैं.
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने शीतकालीन सत्र में संसद में नागरिकता संशोधन बिल पेश किया था. सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा से इसे पारित करवा लिया और राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद कानून का संशोधित रूप लागू हो गया है. इस कानून के खिलाफ पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने बोलते हुए कहा था कि हम चाहते हैं कि कांग्रेस जिन राज्यों में सत्ता पर है वहां पर इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाया जाए.