कांग्रेस में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव और भारत जोड़ो यात्रा के बीच राजस्थान में सियासी संकट गहरा गया है. सचिन पायलट को कांग्रेस आलाकमान द्वारा अगला मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना के बीच अशोक गहलोत का समर्थन करने वाले 90 विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है. उधर, पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को निर्देश दिया कि वे एक-एक बागी विधायक से बात कर मामले को सुलझाएं. हालांकि रात भर चले सियासी ड्रामे के बाद भी विधायकों से बातचीत में कोई हल नहीं निकला.
एआईसीसी पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन दोनों आज दिल्ली रवाना हो जाएंगे और राजस्थान में जारी सियासी संकट को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट को आलाकमान को सौंपेंगे. असंतुष्ट विधायक निरीक्षकों से मिलने को तैयार नहीं हैं. हाईकमान से चर्चा के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. सोनिया गांधी ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को निर्देश दिया कि विवाद को सुलझाने के लिए एक-एक करके विधायकों से बात करें.
माकन और खड़गे ने देर रात विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर विधायकों को समझाने की कोशिश की. बात नहीं बनी और सभी विधायक अपने-अपने घर चले गए. सूत्रों के मुताबिक, विधायकों ने घर जाने से पहले आलाकमान के सामने तीन शर्तें रखी हैं. सूत्रों ने बताया कि असंतुष्ट विधायक कह रहे हैं कि जब तक इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन जाती, तब तक कोई भी विधायक बैठक में हिस्सा नहीं लेगा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की घोषणा की है, तभी से चर्चा थी कि गहलोत को पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री पद छोड़ना होगा और सचिन पायलट उनकी जगह लेंगे. सोनिया गांधी ने इसके लिए सचिन पायलट और अशोक गहलोत से भी बात की थी. हालांकि, सचिन पायलट के बारे में कोई घोषणा होने से पहले ही राजस्थान में बगावत हो गई और अशोक गहलोत खेमे के करीब 90 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया.
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