राजस्थान के जालौर में एक शिक्षक द्वारा दलित छात्र की पीट-पीट कर हत्या करने पर राजनीति गरमा गई है. जयपुर में जहां छात्र राजस्थान विश्वविद्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के विधायक ने दुख में इस्तीफा दे दिया है.
राजस्थान के बारां जिले की अटरू विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने घटना से दुखी होकर इस्तीफा दे दिया है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जालौर में 9 वर्षीय दलित छात्र की मृत्यु से मैं आहत हूं और मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूं. दलितों और वंचित समुदायों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं. मुख्यमंत्री को भेजे अपने इस्तीफे में पानाचंद मेघवाल ने लिखा है कि आजादी के 75 साल बाद भी राज्य में दलितों और वंचितों पर हो रहे अत्याचारों को देखकर दुखी हूं. मेरा समाज आज ऐसे अत्याचार झेल रहा है, जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता.
साथ ही उन्होंने कहा है कि राज्य में दलितों और वंचितों को मटका से पीने के पानी के नाम पर तो कभी दाढ़ी मूंछ रखने पर कभी शादी के मौके पर घोड़ी चढ़ने को लेकर बेरहमी से पीट-पीट कर मार डाला जाता है. जांच के नाम पर फाइलों को ही संतोषजनक माना जा रहा है.
पिछले कुछ सालों में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं. ऐसा लगता है कि संविधान में दलितों और वंचितों के लिए डॉ भीमराव अंबेडकर ने जो समानता का अधिकार दिया था, उसकी रक्षा करने वाला आज कोई नहीं है.
गौरतलब है कि जालोर के एक निजी स्कूल में एक दलित छात्र को शिक्षक ने मटके से पानी पीने को लेकर जमकर पीटाई की थी. जिसमें गंभीर रूप से घायल छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई थी. इस मामले को लेकर जहां विपक्ष राजस्थान सरकार के खिलाफ हमलावर है वहीं पार्टी के विधायक ने इस्तीफा देकर सीएम गहलोत की परेशानी बढ़ा दी है.
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