राजस्थान के करौली जिला में बीते दिनों बाइक रैली के दौरान दो समुदाय के बीच पथवार होने की वजह से हालात बिगड़ गए थे. उसके बाद हिंसा भड़क उठी थी, लेकिन अब धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं. इस घटना को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी पर हमला बोला है. मीडिया से बातचीत करते हुए गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री देश को संबोधित करें और हिंसा की निंदा करें. देश में क़ानून का राज रहे. आज सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की है. वह देश में शांति स्थापित करने की अपील करें. वह कहें कि वह हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे.
करौली हिंसा पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि सरकार बनने के बाद एक बार लिंचिंग की घटना के बाद प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह (लिंचिंग करने वाला) असामाजिक तत्व है. देश ने उसका स्वागत किया था. RSS या भाजपा का उन पर दबाव पड़ा होगा. उसके बाद से उनकी बोलती बंद हो गई है. उसके बाद से वह नहीं बोले है.
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पुनिया ने अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी को नसीहत देने की बजाए राजस्थान की कानून-व्यवस्था को पुख्ता करें. वो (मुख्यमंत्री) खुद करौली की घटना के जिम्मेदार हैं और मामले को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. करौली की घटना पूर्वनियोजित थी जिसको कांग्रेस का राजनीतिक संरक्षण था.
वहीं इस मामले को लेकर भाजपा नेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि राजस्थान सरकार अपनी ज़िम्मेदारी दूसरे के सर डालने का काम करी रही है. राज्य में तुष्टिकरण की राजनीति पहली बार नहीं हुई है. राजनैतिक षड्यंत्र और राजनैतिक चालबाजी पर समय न गवांकर अगर क़ानून व्यवस्था पर ध्यान दे तो शायद राजस्थान का भला हो.
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