राजस्थान की सियासत किस करवट लेगी, कुछ अंदाजा नहीं लग पा रहा है. इसी बीच भारतीय ट्राइबल पार्टी ने कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. भारतीय ट्राइबल पार्टी के अध्यक्ष महेश भाई वसावा ने अपनी पार्टी के दोनों विधायकों को पत्र लिखकर निर्देश दिया और कहा कि विधानसभा में फ़्लोर टेस्ट के समय वे न तो कांग्रेस को, ना अशोक गहलोत को, ना सचिन पायलट को और ना ही बीजेपी को वोट करें.
दोनों विधायकों को वोटिंग के दौरान एबसेंट रहने को कहा गया है. साथ ही पार्टी ने साथ-साथ निर्देश न मानने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी चेतावनी दी है. बता दें कि भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो विधायक हैं. उधर एक बार फिर कांग्रेस कल राजनीतिक स्थिति पर चर्चा के लिए विधायक दल की बैठक करेगी जिसके लिए सचिन पायलट को भी न्योता भेजा गया है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा,” राजनीतिक स्थिति पर चर्चा के लिए कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की एक और बैठक कल सुबह 10 बजे होगी. यदि किसी को कुछ मतभेद हैं तो उन्हें खुले दिमाग से सब कहना चाहिए. सोनिया गांधी और राहुल गांधी हर किसी की बात सुनने और समाधान खोजने के लिए तैयार हैं.”
सुरजेवाला ने कहा,”हमने सचिन पायलट और उनके साथ के अन्य लोगों को फिर से आमंत्रित किया है. परिवार के सदस्यों का सम्मान परिवार के भीतर ही होता है. उन्हें आना चाहिए और इस पर बात होनी चाहिए कि राजस्थान की 8 करोड़ जनता की सेवा कैसे की जाए.”
तमाम उठापटक के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फिलहाल अपनी सरकार बचाने में कामयाब रहे हैं. उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट की बगावत रंग लाती नहीं दिख रही है. बीजेपी ने पायलट से दूरी बना ली है और कल तक तीस विधायकों का दावा कर रहे पायलट अपने खेमे में मुश्किल से 15-20 विधायक ही जुटा पाए हैं. कांग्रेस की ओर से पायलट को मनाने और समझौते के संकेत मिल रहे हैं.
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