राजस्थान में जारी सियासी हंगामा के बीच एक नया मोड़ आ गया है. मिल रही जानकारी के अनुसार राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को स्पीकर सीपी जोशी ने वापस ले ली है.
सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पीकर की ओर से दाखिल की गई याचिका को वापस लेने की अनुमित दे दी है.
उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
सिर्फ 3 मिनट की सुनवाई में हुआ फैसला
आज हुई सिर्फ 3 मिनट की सुनवाई में राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि
चूंकि राजस्थान हाईकोर्ट इस मामले को लेकर अपना फैसला सुना चुकी है.
इसलिए अब उनकी याचिका का कोई मतलब नहीं. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर हम कानूनी तौर पर विचार कर रहे हैं.
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राजस्थान हाईकोर्ट ने दी थी बड़ी राहत
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके बागी सहयोगियों को राजस्थान हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है.
कोर्ट ने स्पीकर द्वारा अयोग्य ठहराए गए नोटिस पर फिलहाल रोक लगा दिया है.
जिससे सचिन पायलट और उनसे सहयोगियों के सदस्यता को अब कोई खतरना नहीं है.
इसके अलवा सचिन के उस याचिका को भी कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है जिसमें उन्होंने
केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाने की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट में सिब्बल की दलील
सुप्रीम कोर्ट में स्पीकर सीपी जोशी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील देते हुए कहा कि
कोर्ट स्पीकर को निर्णय बढ़ाने का निर्देश नहीं दे सकता.
जब तक कि अंतिम निर्णय खुद स्पीकर ना ले. इतना ही नहीं उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा कि
अध्यक्ष से एक तय समय सीमा के भीतर अयोग्यता पर फैसला लेने के लिए कहा जा सकता है.
लेकिन कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता.
कोर्ट ने सिब्बल से पूछा कि इन विधायकों को नोटिस किसलिए भेजा गया तो उन्होंने कोर्ट को बताया कि
विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहे हैं और विधायक दल की बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे.
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट में स्पीकर जोशी द्वारा भेजे गए दलबदल नोटिस के
खिलाफ 19 कांग्रेस विधायकों की संयुक्त याचिका पर सुनवाई करते हुए.
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने स्पीकर की नोटिस पर रोक लगा दिया है.
इससे पहले हाईकोर्ट ने कहा था कि इस मामले को लेकर आवश्यक आदेश 24 जुलाई को सुनाया जाएगा.
राजस्थान हाईकोर्ट के डायरेक्शन के खिलाफ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद ही मामले की सुनवाई करने का आदेश जारी किया था.