राजकोट: गुजरात समेत सौराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के दैनिक मामलों में भारी कमी दर्ज की जा रही है. राजकोट शहर और जिले में कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस का कहर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. राजकोट जिला स्वास्थ्य विभाग ने अब लोगों को ब्लैक फंगस से बचाने के लिए एक अहम अभियान शुरू किया है. Rajkot nose clean campaign
राजकोट में शुरू किया गया खास अभियान Rajkot nose clean campaign
इस संबंध में राजकोट जिला महामारी अधिकारी डॉ. राठौर ने कहा, ”हमने गांव में नाक-कान साफ अभियान को सफल बनाने के लिए 700 कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगा दिया है.” गांव के जिन लोगों को कोरोना हो गया था ऐसे लोगों को प्लास्टिक का एक तुकड़ा दिया गया है जिसमें कीटनाशक दबा लगाया गया है. इस प्लास्टिक की मदद से लोगों से नाक और कान साफ करने की अपील की गई है.
कोरोना से उबर चुके लोग नई बीमारी का हो रहे शिकार Rajkot nose clean campaign
कोरोना के दौरान लोग अपनी नाक साफ नहीं कर पाते हैं. इसलिए ऐसे मरीजों के नाक में फंगस फैल जाता है. इस बीमारी के चपेट में आने वाले को अगर वक्त पर इलाज नहीं मिलता तो 15 दिनों में मौत हो जाती है. नाक की सफाई से ही इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है. जो लोग कोरोना से उबर चुके हैं ऐसे लोगों को 7 दिनों तक कीटनाशक दवा वाली प्लास्टिक से ही नाक-कान साफ करने की अपील की गई है. Rajkot nose clean campaign
ब्लैक फंगस की बीमारी ऐसे लोगों को होती है जिनको 10 से 15 दिनों तक ऑक्सीजन या वेंटिलेटर पर रखा जाता है. इतना ही ब्लैक फंगस की चपेट में ऐसे लोग भी आ रहे हैं जो सही तरीके से मुंह और नाक साफ नहीं करते. वेंटिलेटर पर रखे गए मरीजों की नाक में फंगस होने की संभावना सबसे ज्यादा होता है. अगर बीटाडीन जैसे साधारण लोशन से इसे शुरूआत में ही साफ कर दिया जाए फंगस खत्म हो जाता है. Rajkot nose clean campaign
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