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ओपन हाउस मीटींग में ट्रैफिक नियम को लेकर राजकोट के लोगों ने पुलिस पर लगाया बड़ा आरोप

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जब से हेलमेट, HSRP नंबर प्लेट अनिवार्य और ट्रैफिक जुर्माना के दंड को बढ़ा दिया गया है तब से राजकोट में औपचारिक रूप से विरोध की लहर देखने को मिल रहा है. ऐसे में ट्रैफिक नियम का पालन नहीं करने वाले लोगों से दस गुना जुर्माना और हेलमेट के मामले को लेकर कुछ लोगों ने आंदोलन भी शुरु किया था. इन तमाम परेशानियों को मद्देनजर रखते हुए राजकोट पुलिस यातायात नियम के पालन को लेकर एक ओपन हाउस मीटिंग का आयोजन किया.

पुलिस के द्वारा रखी गई इस ओपन हाउस मीटींग में बड़ी संख्या में शहरवासियों ने हिस्सा लिया. और ट्रैफिक नियमों को लेकर पुलिस से कई सवाल भी किया. मीटींग में हिस्सा लेने वाले लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रैफिक नियम को लेकर चलाये जाने वाले ड्राइव और चेकिंग के दौरान सबसे ज्यादा दो पहिया वाहन चलाने वाले लोगों को टार्गेट बनाया जाता है. इस मीटींग में राजकोट के पुलिस आयुक्त मनोज अग्रवाल सहित कई उच्च पुलिस अधिकारी मौजूद रहे.

मीटींग में हिस्सा लेने वाले लोगों के सवालों का जवाब देते हुए राजकोट पुलिस आयुक्त ने कहा कि ट्रैफिक नियम का पालन लोगों को परेशान करने के लिए नहीं बल्कि शहर के कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए चलाया जा रहा है. लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि शहर में शटल रिक्शा चालकों के पास से पुलिस हफ्ता लेती है इसलिए पुलिस ट्रैफिक नियम के नाम पर उन लोगों को परेशान नहीं करती बल्कि आम लोगों को परेशान किया जाता है. पुलिस आयुक्त ने नागरिकों के विचारों को ध्यान में रखा.

उल्लेखनीय हो कि पूरे गुजरात में और खास तौर से राजकोट में हेलमेट के कानून को लेकर व्यापक विरोध किया जा रहा है. इतना ही नहीं पुलिस के लाख समझाने के बाद भी लोग हेलमेट नहीं पहन रहे. ऐसे राजकोट पुलिस को इस नये प्रयोग से उम्मीद है कि लोग धीरे-धीरे ट्रैफिक नियमों का पालन करने लगेंगे.