आमतौर पर लोग बेटी को ससुराल विदा करते समय उसे उपहार के तौर पर गहने, कपड़े, वाहन और नकदी देते हैं, लेकिन गुजरात के राजकोट में एक ऐसी शादी देखकर लोग हतप्रत हो गए जिसमें लड़की को दो हजार से ज्यादा किताबों के साथ विदा किया गया. इस अनोखी शादी की बात इसलिए करना आज के दौर में जरुरी हो जाता है लोग मोबाइल के चक्कर में धीरे-धीरे किताबों से काफी दूर होते जा रहे हैं. इतना ही नहीं पिता के पास पैसे होने के बावजूद भी उसने अपने बच्ची को पैसे, गहना के साथ नहीं बल्कि सादगी के साथ विदा किया.
दरअसल, हरदेव सिंह की बेटी किन्नरी बा को बचपन से ही किताबें पढ़ने का शौक है. किताबों की छाया में पली-बढ़ी किन्नरी ने राज्य स्तरीय निबंध स्पर्धा से लेकर भाषण और वाद-विवाद में नाम कमाया. ईनाम के रूप में उसे पुस्तकें मिलतीं तो वह बहुत खुश होती. एक-एक करके उसने अपने घर पर ही 500 पुस्तकों की लाइब्रेरी बना ली. गणित में स्नातक करने के बाज जब उसकी शादी तय हुई, तो पिता ने पूछा दहेज में क्या चाहिए.
पिता का ये कहना था कि बेटी ने उन्हें 2,200 पुस्तकों की लिस्ट थमा दिया और कहा- ‘मेरी शादी में आप दहेज में किताबें देंगे तो मुझे अच्छा लगेगा. मेरी इच्छा है कि जिन किताबों को मैंने आज तक नहीं पढ़ा, उसे पढ़कर ज्ञान का विस्तार करूं, हरदेव सिंह ने कहा कि ‘बेटी की पसंदीदा पुस्तकों को इकट्ठा करने में ही 6 महीने लग गए. लिस्ट में महर्षि वेद व्यास से लेकर आधुनिक लेखकों की अंग्रेजी, हिंदी और गुजराती भाषा की किताबें शामिल हैं. इसमें धर्म, विज्ञान, इतिहास, भूगोल समेत तकरीबन हर विषय की पुस्तकें हैं. कुरान, बाइबिल समेत 18 पुराण भी शामिल हैं.