नई दिल्ली: संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा से कृषि कानून वापसी बिल पास कर दिया गया है. दोनों सदनों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर द्वारा बिल पेश किया गया, बिल पेश होने के कुछ मिनट के भीतर ही उसे पास भी कर दिया गया. वहीं, दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां बिल पर चर्चा के लिए अड़ी रहीं. जिसके बाद हंगामा और अनुशासनहीनता के आऱोप में राज्यभा के 12 सासंदों को निलंबित कर दिया गया है.
विपक्षी दंलों के हंगामा की वजह से शीतकालीन सत्र की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है. राज्यसभा के जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना, सीपीएम के सांसद शामिल हैं. 12 सांसदों को शीतकालीन सत्र से सस्पेंड करने पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जो लोगों की आवाज़ उठाते हैं और अगर उनकी आवाज़ को बंद कर दिया जाए तो ये लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास है. हम इसकी निंदा करते हैं और इस पर सभी विपक्षी पार्टी सहमत है. कल 10 बजे हमने मिलना तय किया है.
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये लोकतंत्र विरोधी कदम है और सरकार सांसदों में डर पैदा करने के लिए ये कदम उठाई है. डराना-धमकाना उनकी अदत बन गई है. सरकार ने आज 12 सांसदों पर एक्शन लेने के लिए जो रेजोल्यूशन मूव किया है ये पूरी तरह गलत है.
वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार की केवल ये मानसिकता है कि विपक्ष के ऊपर किसी तरह से वार करो और इनको मालूम है कि अगर वो इस तरह निलंबित करेंगे तो निश्चित रूप से विपक्ष इसका विरोध करेगी और फिर सदन नहीं चलेगा. वो यही चाहते हैं कि सदन न चले.
12 सांसदों को शीतकालीन सत्र से सस्पेंड करने पर भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि पिछले सत्र के अंतिम दिन जिस तरह से विपक्षों ने हंगामा किया, मैंने अपने संसदीय जीवन में इस प्रकार की अराजकता नहीं देखी. ये स्वागत योग्य कदम है और जो नियम कानून का पालन नहीं करते, उनको संदेश जाना चाहिए.
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