तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में हिंसा भड़क उठी थी. उसके बाद किसानों का आंदोलन खत्म होने के करीब पहुंच गया था. लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत ने इसी दौरान किसानों को संबोधित करते हुए आंसुओं का ऐसा सैलाब बहाया कि किसानों का आंदोलन एक बार फिर जीवित हो उठा. उसके बाद से किसानों का आंदोलन राकेश टिकैत के इर्द-गिर्द घूमता नजर आ रहा है. कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसान आंदोलन को खत्म करने की तैयारी कर रहे हैं.
इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत का बड़ा बयान सामने आया है. टिकैत ने दावा किया कि सरकार फूट डालने की कोशिश कर रही है. आंदोलन को लेकर हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है. जब कर एमएसपी कानून नहीं बनता किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.
किसान नेता राकेश टिकैत ने आगे कहा कि किसानों के घर वापसी की अफवाह फैलाई जा रही है. MSP और किसानों पर मुकदमा वापस किए बिना कोई किसान यहां से नहीं जाएगा. हमारी अगली बैठक 4 दिसंबर को होगी हम बैठक में आगे की रणनीति बनाएंगे.
इससे पहले कल लोकसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक पारित होने पर भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि जिन 700 किसानों की मृत्यु हुई उनको ही इस बिल के वापस होने का श्रेय जाता है. MSP भी एक बीमारी है. सरकार व्यापारियों को फसलों की लूट की छूट देना चाहती है. हमारा आंदोलन जारी रहेगा. सरकार ये चाहती कि हम बिना बातचीत के यहां से धरना खत्म करके चले जाए. देश में कोई आंदोलन और धरना ना हो, सरकार से जो एक बातचीत का रास्ता है वो बंद हो जाए, तो सरकार इस गलतफहमी में ना रहे. सरकार से बात किए बिना हम नहीं जाएंगे. आंदोलन जारी रखकर सरकार से बातचीत का रास्ता खोल के जाएंगे.
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