भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित किया. इस दौरान टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि अगर हम गुरुवार को आंदोलन छोड़कर चले जाते तो सिख साथियों के साथ 1983 के दंगों से भी ज्यादा खराब हाल होते.
राकेश टिकैत ने कहा,
‘अगर कल हम यहां से जाते तो सिख साथियों के साथ 84 दंगे से ज़्यादा बुरा हाल होता. जब मुझे पता चला तो मैंने जाने से मना कर दिया. कल हम चले जाते तो फिर भविष्य में कोई किसान आंदोलन नहीं होता.’
उन्होंने कहा कि सरदार के साथ जितना बुरा होता उसका अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता था. इसी वजह से हमने कहा कि पानी लेकर आओ और आंदोलन खत्म करने से इंकार किया.
40 सेकेंड में फिर शुरू हुआ आंदोलन
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने मंच से कहा कि 40 सेकंड में हमारा आंदोलन फिर से शुरू हो गया. उन्होंने कहा कि कल (गुरुवार) दंगे से भी खतरनाक स्थिति थी. मैंने कभी बीजेपी को वोट दिया था. बीजेपी के ही लोगों ने आंदोलन में किसानों की मदद की. राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण जारी रहेगा.
बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर उनकी अगुवाई में सैकड़ों किसान तीनों नए कृषि कानूनों के विरोध में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. वह गुरुवार को दिल्ली हिंसा के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए रो पड़े थे और कहा था कि आंदोलन जारी रहेगा और उन्हें रोकने की कोशिश की गई तो वे आत्महत्या कर लेंगे.
टिकैत ने मारा थप्पड़
उधर राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने गाजीपुर बॉर्डर पर कैमरे के सामने एक शख्स को थप्पड़ जड़ दिया और उसे फौरन धरना स्थल छोड़ने को कहा. थप्पड़ मारने के बाद राकेश टिकैत ने कहा, “वह हमारे संगठन का सदस्य नहीं है. वह लाठी उठा रहा था और कुछ गलत करने ही वाला था. वह मीडिया वालों से भी दुर्व्यवहार कर रहा था. जो भी यहां बुरे इरादे या गलत मानसिकता से है, फौरन ये जगह छोड़ दे.”