बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय में फिरोज खान की नियुक्ती के खिलाफ यूनिवर्सिटी के छात्रों का धरना जारी है. आज विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों का 16 वां दिन है. ऐसे में कुछ ऐसा ही एक नया मामला सामने आ रहा है लेकिन इस खबर को पढ़ने के बाद लोगों को दिलों को जरुर राहत मिलेगी,बेलूर के रामकृष्ण मिशन विद्या मंदिर ने संस्कृत विषय पढ़ाने के लिए एक मुस्लिम अस्टिटेंट प्रफेसर को नियुक्त किया है. पिछले दिनों कॉलेज जॉइन करने वाले रमजान अली ने बताया कि उन्हें विषय या धर्म को लेकर कभी कोई भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा.
रमजान अली ने कहा, ‘महाराज (प्रधानाचार्य स्वामी शस्त्राजनांदजी महाराज) और मेरे सहकर्मियों ने मेरे रुकने और भोजन का प्रबंध किया. मैंने किसी भी मौके पर अवांछित या असुरक्षित महसूस नहीं किया. उन्होंने हमेशा मेरा उत्साह बढ़ाया.’ रामकृष्ण मिशन विद्या मंदिर से पहले अली वर्ष 2010 से अलीपुरदौर स्थित फालाकाटा सरकारी कॉलेज में पढ़ा रहे थे.
अली ने कहा कि फालाकाटा कॉलेज में भी मैंने कभी अलग-थलग महसूस नहीं किया. उन्होंने कहा कि बीएचयू में जो कुछ भी हुआ, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. अली ने कहा, ‘संस्कृत एक प्राचीन भाषा है और इसका बहुत इतिहास है. इसमें हमारे भविष्य के विकास का रास्ता छिपा हुआ है.
इस सिलसिले में प्रधानाचार्य स्वामी शस्त्राजनांदजी महाराज ने कहा, ‘स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि हरेक आत्मा पवित्र है और हमारा उद्देश्य इसका ऐलान करना होना चाहिए. यह महत्वपूर्ण नहीं है कि उसका धर्म क्या है.हमें उसके साथ न तो भेदभाव करना चाहिए और न ही किसी को अलग-थलग करना चाहिए. रामकृष्ण मिशन शारदापीठ के सचिव दिव्यानंद जी महाराज ने कहा, ‘हम सर्व धर्म समभाव के विचार का पालन करते हैं.’