नई दिल्ली: रामनवमी के मौके पर दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में मांस खाने को लेकर दो संगठनों के बीच विवाद हो गया. जिसके बाद एबीवीपी और लेफ्ट के छात्र एक दूसरे के आमने सामने आ गए और दोनों के बीच मारपीट भी हुई थी, यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि नया विवाद शुरू हो गया है. जेएनयू के बाहर भगवा झंडे लगाकर उसमें भगवा जेएनयू’लिखा गया है. इन विवादित पोस्टर्स को हिंदू सेना ने लगाने की जिम्मेदारी ली है.
दिल्ली पुलिस के अनुसार आज सुबह पता चला कि JNU के पास सड़क और आसपास के इलाकों में कुछ झंडे और बैनर लगाए गए हैं. हाल की घटनाओं को देखते हुए इन्हें तुरंत हटा दिया गया है. फिलहाल पुलिस मामला दर्ज कर आगे की उचित क़ानूनी कार्रवाई कर रही है.
खाने से नहीं लेफ्ट को रामनवमी से हैं दिक्कत- ABVP अध्यक्ष
ABVP के JNU विंग के अध्यक्ष रोहित कुमार ने बीते दिनों कहा था कि इस कैंपस में कई होस्टल हैं जहां नॉन वेज बना है. JNU का राजनीतिकरण करके दुरुपयोग किया जा रहा है. JNU में अब पूजा, भजन, कीर्तन हो रहे हैं इसलिए वामपंथी दलों के लोग बौखला गए हैं. पूजा का विरोध इन्होंने (वामपंथी छात्र) 7 दिन पहले किया था, इनके तरफ से धमकी भी दी गई. यहां राइट टू ईट की बात नहीं है बात रामनवमी की है.
इस मामले को लेकर जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने कहा था कि रामनवमी हवन किया जाए या नहीं और खाने के मेन्यू को लेकर विवाद खड़ा हो गया. ये दो समूहों के संस्करण हैं. प्रॉक्टोरियल जांच का आदेश दिया गया था और हम रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं, यह एक निष्पक्ष जांच होगी, विश्वविद्यालय खान-पान की पसंद नहीं थोपता है. हिंसा में करने से पहले विद्यार्थी परिसंवाद एवं चर्चा कर सकते थे.
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