अहमदाबाद: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गुजरात में संघ के नवनिर्मित मुख्यालय ‘डॉ. हेडगेवार भवन’ का शनिवार को उद्घाटन किया. यह मुख्यालय 5 मंजिला है और मणिनगर इलाके में स्थित है. भवन के उद्घाटन के बाद एक व्याख्यान में हिस्सा लेते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भौतिकवादी सुख-सुविधाओं में कई गुना वृद्धि के बावजूद समाज में हर कोई नाखुश है और निरंतर आंदोलन कर रहा है. चाहे वह मालिक हो या नौकर, विपक्षी दल हो या आम आदमी, छात्र हो या शिक्षक, हर कोई नाखुश और असंतुष्ट है.
संघ प्रमुख ”वर्तमान विश्व परिदृश्य में भारत की भूमिका” विषय पर होने वाले व्याख्यान में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा कि ”भारत को धर्म (ज्ञान) देना है, ताकि ज्ञान फैले लेकिन मनुष्य रोबोट न बने. हमने हमेशा वैश्विक परिवार की बात की है न कि वैश्विक बाजार की.” भागवत ने कहा कि वर्तमान दौर में कट्टरता, हिंसा और आतंकवाद बढ़ रहा है. व्याख्यान का आयोजन ‘माधव स्मृति न्यास’ ने किया था. यह संगठन आरएसएस से जुड़ा हुआ है. संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘यह सोचना कि हम बेहतर दुनिया में जी रहे हैं, अर्द्धसत्य है. सुविधाएं समान रूप से सबको हासिल नहीं हो रही हैं. जंगल का नियम चल रहा है. आगे बढ़ने के लिए सक्षम व्यक्ति कमजोर को दबा रहा है. दुनिया में तबाही के लिए ज्ञान का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है.’’
भागवत ने कहा कि लोग ‘‘गलत सूचना’’ प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया का दुरूपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ‘हर किसी को एक रूप से देखने’ का प्रयास करना भी कट्टरता है. भागवत ने कहा, ‘‘अमेरिका और रूस सुपरपावर हैं. चीन भी सुपर पावर बन जाएगा. सुपर पावर राष्ट्रों ने दूसरों के लिए क्या किया? अपने एजेंडा के लिए वे दूसरे देशों पर नियंत्रण कर लेते हैं. ये सुपर पावर तभी लौटाना शुरू करते हैं जब उन्हें ऐसा करने के लिए कहा जाता है. अन्यथा उन्होंने दूसरों को कभी कुछ नहीं दिया.’’
उन्होंने दुख जताया कि भारतीय युवक ‘‘देश की ज्ञान शक्ति को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं और सोचते हैं कि भारत में जो भी अच्छा है वह दूसरे देशों से आया है.’’ उन्होंने लोगों से अपील की कि भारत को ज्यादा ताकतवर बनाएं ‘‘क्योंकि दुनिया ताकतवर की ही सुनती है.’’