Gujarat Exclusive > देश-विदेश > ‘जज-वकीलों को मिले कोरोना टीकाकरण में प्राथमिकता’, सरकार ने कहा- भेदभाव नहीं कर सकते

‘जज-वकीलों को मिले कोरोना टीकाकरण में प्राथमिकता’, सरकार ने कहा- भेदभाव नहीं कर सकते

0
379

SC देश में कोरोना टीकाकरण अभियान चल रहा है. फिलहाल 60 साल के ऊपर के लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जा रही है लेकिन वकील भी जल्दी से जल्दी टीका लेना चाहते हैं. इसी मसले पर आज सुप्रीम कोर्ट में दिलचस्प चर्चा हुई. SC

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आग्रह किया गया है कि कोविड-19 टीकाकरण के लिए न्यायाधीशों, वकीलों और न्यायिक कर्मियों को प्राथमिकता श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए. वकीलों का कहना है कि वकीलों को अपने काम के चलते लोगों के संपर्क में आना पड़ता है. इसलिए, उन्हें वैक्सीन लगाने में प्राथमिकता देने पर विचार करना चाहिए. SC

यह भी पढ़ें: नितिन गडकरी का ऐलान- 1 साल के अंदर देश से हट जाएंगे टोल प्लाजा

सॉलिसीटर जनरल का मजेदार जवाब

चर्चा के दौरान केंद्र सरकार के लिए पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि एक विशेषज्ञ समिति वैक्सीनेशन से जुड़े मामलों को देख रही है. उसने उम्र और बीमारी के आधार पर टीकाकरण में प्राथमिकता तय की है. SC

तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया, “न मेरी आयु 60 से ऊपर है, न कोई ऐसी बीमारी है जिसके चलते मुझे तुरंत वैक्सीन देना जरूरी हो. इसलिए, मुझे भी वैक्सीन नहीं लगा है.” उन्होंने आगे दलील दी कि कमिटी को उसका काम करने देना चाहिए. सरकार का लक्ष्य नागरिकों को जल्द से जल्द वैक्सीन देना है. SC

3 जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े ने कहा कि वकीलों की चिंता जायज है. अपना रोजगार कमाने के लिए उन्हें लोगों के संपर्क में आना पड़ता है. इस पर सॉलिसीटर जनरल ने कहा, “अगर एक 35 साल के वकील को उसके व्यवसाय के चलते वैक्सीन पहले दिया जा सकता है, तो इसी उम्र के किसी सब्जी वाले से भेदभाव कैसे कर सकते हैं? उसे भी आजीविका कमाने के लिए सब्जी मंडी में सैकड़ों लोगों से मिलना पड़ता है.” SC

इससे पहले केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 रोधी टीका लगाने के वास्ते 45 साल से कम उम्र के न्यायाधीशों, वकीलों तथा न्यायिक कर्मियों के लिए अलग श्रेणी बनाना वांछनीय नहीं है. इसने कहा कि पहले से ही श्रमशक्ति और अवसंरचना क्षमता से परे तैयार किए जा रहे टीके का वैश्विक महामारी के मद्देनजर निर्यात भी किया जा रहा है.

गुजराती में ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें