दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस के कारण वैश्विव बाजार के साथ-साथ भारतीय शेयर बाजार में भी बुरा असर पड़ा है. अब तक निवेशकों को 46 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है. ऐसे में अब शेयर बाजार को रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी ने एक अहम फैसला लिया है. इस फैसले का असर उन निवेशकों पर पड़ेगा जो शॉर्ट सेलिंग के लिए निवेश करते हैं. सेबी ने फ्यूचर एंड आप्शंस में शेयर सौदों की खुली उपलब्ध सीमा में बदलाव किया है.
अब पहले से अधिक शेयर फ्यूचर एंड आप्शंस यानी एफ एंड ओ कारोबार की रोक अवधि के दायरे में होंगे. सेबी के इस फैसले से बाजार में शॉर्ट सेलिंग करना मुश्किल हो जाएगा. वहीं, व्यक्तिगत शेयरों में उतार-चढ़ाव भी कम होगा. जब निवेशक लाभ कमाने के लिए किसी शेयर को पहले ऊंचे भाव पर बेचकर और फिर गिरे भाव पर उसकी खरीदारी करते हैं, तो इसे शॉर्ट सेलिंग कहा जाता है.
सेबी ने बताया कि मौजूदा परिस्थिति में उठाये जाने वाले कदमों को लेकर शेयर बाजारों, क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरीज के साथ चर्चा की है. सेबी ने कहा, ‘‘हम परिस्थितियों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और स्थिति की समीक्षा करते रहेंगे. अगर जरूरत होगी तो आगे अन्य कदम भी उठाये जायेंगे.’’
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