देश में जहां एक तरफ कोरोना का कोहराम मचा हुआ है वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट अस्पताल कोरोना का इलाज करवा रहे लोगों को लूंटने में कोई कमी नहीं छोड़ते इस बीच अमेरिका से एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है जहां अस्पताल का भारी भरकम बिल देखकर मरीज ने कहा कि मुझे जिंदा रहने का अफसोस हो रहा है.
अमेरिका के सिएटल शहर चार मार्च को स्वीडिश मेडिकल सेंटर में इाइकल फ्लोर नामक मरीज को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था जहां उनका 62 दिनों तक इलाज चला 70 वर्षीय मरीज कोरोना से संक्रमित बताया जा रहा है. 62 दिनों के इलाज के बाद जब वह कोरोना को मात देकर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए तो उनको अस्पताल ने भारी भरकम 11 लाख डॉलर (8.14 करोड़ से ज्यादा) का बिल थमा दिया.
बिल देखकर माइकल फ्लोर ने मजाकिया लहजे में कहा, “मुझे जिंदा बचने का हमेशा अफसोस रहेगा. अस्पताल का बिल देखकर लगभग दूसरी बार मेरा हार्ट फेल हो चला था. मैं अपने आप से पूछता हूं कि मैं ही क्यों? मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ? इस अविश्वसनीय खर्चे को देखकर निश्चित रूप से मुझे अपराधबोध हो रहा है.”
कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद माइकल फ्लोर को चार मार्च को स्वीडिश मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया था. डिस्चार्ज के वक्त उन्हें 181 पेज के बिल में खर्चे की जो जानकारी दी गई उसके मुताबिक आईसीयू में कमरे का प्रतिदिन खर्च 9,736 डॉलर (करीब सात लाख रुपये), 29 दिन तक वेंटिलेटर का खर्च 82,215 डॉलर (करीब 62 लाख रुपये) संक्रमण से प्रभावित दिल, किडनी और फेफड़ों का दो दिन का खर्च एक लाख डॉलर (लगभग 76.95 लाख रुपये) शामिल है.
हालांकि राहत की बात ये है कि अमेरिका की राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम का लाभार्थी होने के कारण माइकल को बिल का अधिकांश हिस्से का भुगतान नहीं करना होगा.
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