राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन (Shahabuddin) को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. उन्हें तीन दिनों के लिए पैरोल मिल गई है. दरअसल पिता के निधन के बाद से शहाबुद्दीन (Shahabuddin) कोर्ट से पैरोल मांग रहे थे, ताकि वह सिवान में अपने परिवार के साथ वक्त बिता सकें. दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद शहाबुद्दीन 3 दिनों के लिए सशर्त पैरोल दे दिया है.
हालांकि शहाबुद्दीन (Shahabuddin) को कुछ शर्तों के साथ पैरोल मिली है. उन्हें दिल्ली में रह कर ही परिजनों से मुलाकात करना है. हर दिन उन्हें 6-6 घंटे परिजनों से मिलने की इजाजत है.
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क्या होगी पैरोल की शर्त
हाई कोर्ट ने बुधवार को आदेश पारित किया जिसके अनुसार, शहाबुद्दीन (Shahabuddin) 30 दिन के अंदर अपनी पसंद के किसी भी तीन दिन में 6-6 घंटों की ‘हिरासती पैरोल’ ले सकता है. वह चाहे तो लगातार तीन दिनों तक छह-छह घंटे या फिर 30 दिनों के अंदर किसी भी तीन दिन में इतने घंटे की पेरोल ले सकता है.
न्यायमूर्ति ए जे भंभानी ने कहा कि बिहार और दिल्ली की पुलिस ने संयुक्त रूप से कहा है कि वे शहाबुद्दीन की अभिरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते और उनका कहना है कि उसकी अभिरक्षा तथा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बहुत अधिक संसाधनों की जरूरत पड़ेगी.
तिहाड़ जेल में बंद हैं शहाबुद्दीन
बता दें कि गैंगस्टर से नेता बने मोहम्मद शहाबुद्दीन (Shahabuddin) को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 2018 में बिहार की सीवान जेल से तिहाड़ जेल लाया गया था. शहाबुद्दीन के खिलाफ तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मामले चल रहे हैं. 15 फरवरी 2018 उच्चतम न्यायालय ने उसे बिहार की सीवान जेल से तिहाड़ लाने का आदेश दिया था. उनके उपर अपहरण और हत्या के दर्जनों मामले दर्ज हैं. वह दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं.